खंजन

खंजन के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

खंजन के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक पक्षी

खंजन के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रसिद्ध पक्षी , खँड़रिच

    विशेष
    . इसकी अनेक जातियाँ एशिया, युरोप, और अफ्रिका में अधिकता से पाई जाती हैं । इनमें से भारतवर्ष का खंजन मुख्य और असली माना जाता है । यह कई रग तथा आकार का होता है तथा भारत में यह हिमालय की तराई, आशाम और बरमा में अधिकता से होता है । इसका रंग बीच बीच में कहीं सफेद और कहीं काला होता है । यह प्रायः एक बालिश्त लंबा होता है और इसकी चोंच लाल और दुम हलकी काली झाई लिए सफेद और बहुत सुंदर होती है । यह प्रायः निर्जन स्थानों में और अकेला ही रहता है तथा जाड़े के आरंभ में पहाड़ों से नीचे उतर आता है । लोगों का विश्वास है कि यह पाला नहीं जा सकता, और जब इसके सिर पर चोटी निकलती है, तब यह छिप जाता है और किसी को दिखाई नहीं देता । यह पक्षी बहुत चंचल होता है इसलिये कवि लोग इससे नेत्रों की उपमा देते हैं । ऐसा प्रसिद्ध है कि यह बहुत कम और छिपकर रति करता है । कहीं कहीं लोग इसे 'खँडरिच' या 'ममोला' कहते हैं ।

  • खंडरिच के रंग का घोड़ा
  • 'गंगाधर' या 'गंगोदक' नामक छद का एक नाम
  • लँगड़ाते हुए चलना

खंजन के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

खंजन के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक पक्षी जिसके नेत्र सुन्दर होते हैं

खंजन के ब्रज अर्थ

खंज, खंजही, खंजरीट

पुल्लिंग

  • एक सुंदर पक्षी जो बहुत चंचल होता है और जिसकी उपमा कविगण नेत्रों से देते हैं

    उदाहरण
    . दृग-खंजन, मुख चंद ।

खंजन के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • एक पक्षी

Noun

  • wagtail; Ericurits maculatus.

सब्सक्राइब कीजिए

आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा