khij meaning in braj

खिज

खिज के ब्रज अर्थ

अकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग, अकर्मक

  • दे० 'खीझ'
  • खीजना , चिढ़ना

    उदाहरण
    . जाहि सुने ब्रज वधू खिजति हो, निगम हू गूढ वर मान्यो ।

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