कोआ

कोआ के अर्थ :

कोआ के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • रेशम के कोड़े का घर, कुसियारी
  • टसर नामक रेशम का कीड़ा
  • महुए का पका फल, कोलैदा, गोलेंदा
  • कटहल के पके हुए बीज- कोश, — ५, धुने हुए ऊन की पोनी, जिसे कातकर ऊन का तागा निकालते हैं, (गड़रिया)
  • दे॰ 'कोया'

कोआ के अवधी अर्थ

  • कटहल के फल के भीतर के मीठे बीज; साँप के छोटे बच्चे

कोआ के कन्नौजी अर्थ

कोवा

संज्ञा, पुल्लिंग

  • कटहल के बीज के ऊपर मुलायम और मीठी पर्त

कोआ के बज्जिका अर्थ

संज्ञा

  • ताड़ का कोआ, आँख का सफ़ेद भाग, कटहल का पका हुआ कोश

कोआ के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • रेशम के कीड़ों का घर, कुसियारी
  • m२. टसर नामक रेशम कीट ; महुए का फुल; कटहल के पके फल की फांक ; धूने हुए ऊन की पोनी; काक पक्षी

कोआ के मगही अर्थ

देशज ; संज्ञा

  • लकड़ी की इंगुरौटी, सिन्दूर रखने की काठ की डिबिया

संज्ञा

  • कटहल के फूल का बीज कोष; ताड़ के फल के अंदर का गुद्दा; आँख का ढेला; रेशम के कीड़े का घर; तसर का कीड़ा

कोआ के तुकांत शब्द

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