कोड़ार

कोड़ार के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

कोड़ार के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • लोहे का एक प्रकार का गोल बंद जो कोल्हू की लकड़ी के चारो ओर इसलिए जड़ा होता है जिसमें वह फट न जाय, पश्चिम में इसे चरस कहते है, कुंडरा, तौक

कोड़ार के भोजपुरी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • उपजाऊ खेत;

    उदाहरण
    . कोड़ार में भंटा खूब होला।

  • साग-सब्जी का खेत;

    उदाहरण
    . कोड़ार से दूगो भंटा तुड़ ले आव।

Noun, Masculine

  • fertile farm.
  • vegetable garden.

कोड़ार के मगही अर्थ

संज्ञा

  • (कोड़ाई) गाँव के पास की उपजाऊ जमीन; गोएँड़, गौंढ़ा; बारी; कुदाल से बार-बार कोड़ी गई जमीन; डीह

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