koko meaning in braj
कोको के ब्रज अर्थ
- स्त्री
- कौआ; बच्चों को बहलाने के लिये प्रयुक्त शब्द विशेष
कोको के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
एक कल्पित जीव का नाम, जिसका प्रयोग बच्चों को डराने, बहकाने आदि के लिए किया जाता है, कौआ , लड़कों को बहकाने का शब्द
विशेष
. जब किसी वस्तु वो बच्चों के सामने से हटाना होता है, तब उसे हाथ में लेकर कहीं छिपा देते हैं और उनके वह- काने के लिये कहते है कि कोआ ले गया । 'कोको ले गई' ।उदाहरण
. माँ बच्चे से कह रही थी, जल्दी खा लो, नहीं तो कोको आ जाएगा । . मैं तो सोय रही सुख नींद पिया को कोको ले गई रे । (गीत) ।
संज्ञा, पुल्लिंग
-
बिषुक्त् रेखा के आसपास के देशों में होनेवाला एक पेड़ जो ताड़ वृक्ष के आकार का होता है
उदाहरण
. उसी ने कोको वृक्ष लगाना आरंभ किया । -
काकाओ वृक्ष के बीजों को भूनकर और पीसकर बनाया हुआ चूर्ण , कोको फल का चूर्ण
उदाहरण
. कोको का उपयोग कई प्रकार की खाद्यवस्तुओं में होता है । - कोको के बीज के चुर्ण से बनाया हुआ पेय
कोको के अवधी अर्थ
- मूर्ख, उल्लू
कोको के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा