kosam meaning in braj

कोसम

कोसम के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

कोसम के ब्रज अर्थ

  • लालिमा लिए हुए भूरी, कड़ी और पुष्ट लकड़ी वाला विशाल वृक्ष

कोसम के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का बड़ा पेड़ जिसके बीज औषध के काम आते हैं

    विशेष
    . यह पेड़ पंजाब, मध्य भारत और मदरास में अधिकता से होता है और इसका पतझड़ प्रतिवर्ष होता है । इसके हीर की लकड़ी ललाई लिए हुए भूरी, बहुत कड़ी और मजबुत होती है और इमारत के काम में आती हैं । इसमें हल और खेती के औजार भी बनाए जाते हैं । इसमें लाख बहुत लगता है और बहुत अच्छी होती है । इसका फल कुछ खट्टापन लिए हुए मीठा होता है । वैद्यक में इसका फल ऊष्ण, गुरु, पित्तवर्द्धक और दाहकारक माना गया है । इसके बीजों से एक प्रकार का तेल निकलता है, जो वैद्यक के अनुसार सारक, पाचक और बलकारक होता है । सुश्रुत में लिखा है कि इस तेल के मलने से कोढ़ या फोड़ा अच्छा हो जाता है ।

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