क्रोध

क्रोध के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत
  • अथवा - किरोध

क्रोध के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • चित्त का वह तीव्र उद्वेग जो किसी अनुचित और हानिकारक कार्य को होते हुए देखकर उत्पन्न होता है और जिसमें उस हानिकारक कार्य करनेवाले से बदला लेने की इच्छा होती है , कोप , रोष , गुस्सा

    विशेष
    . वैशेषिक में क्रोध को द्वेष का एक भेद माना है और उसे द्रोह आदि की अपेक्षा शीघ्र नष्ट हो जानेवाला कहा है । भगवदगीता के अनुसार जो अभिलाषा पुरी नहीं होती है, वही रजोगुण के कारण बदलकर 'क्रोध' बन जाती है । पुराणानुसार यह शरीरस्थ दुष्ट शत्रुओं में से एक है । साहित्य में इसे रौद्र रस का स्थायी भाव माना है ।

  • साठ संवत्सरों में से उनसठवाँ संवत्सर , इन संवत्सर में आकु— लता और क्रोध की वृद्धि होती है , —(ज्योतिष)
  • चित्त का वह उग्र भाव जो कष्ट या हानि पहुँचाने वाले अथवा अनुचित काम करने वाले के प्रति होता है

    उदाहरण
    . क्रोध से उन्मत्त व्यक्ति कुछ भी कर सकता है ।

  • कोई अनुचित या प्रतिकूल कार्य होने पर मन में उत्पन्न उग्र या तीक्ष्ण मनोविकार; गुस्सा; कोप; रोष

विशेषण

  • क्रोध करनेवाला, गुस्सावर

क्रोध के पर्यायवाची शब्द

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क्रोध के यौगिक शब्द

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क्रोध के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • anger, wrath, fury, rage

क्रोध के अवधी अर्थ

किरोध

संज्ञा, पुल्लिंग

  • क्रोध

क्रोध के बुंदेली अर्थ

करोध

संज्ञा, पुल्लिंग

  • कोप, गुस्सा

क्रोध के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • कोप, गुस्सा

    उदाहरण
    . क्रोध अरविद सौं, विरोध विधु बिंब सों ।

  • साहित्य में रौद्र-रस का स्थायी भाव ; उनसठवां संवत्सर

क्रोध के मगही अर्थ

करोध

संज्ञा

  • क्रोध, गुस्सा

क्रोध के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • तामस

Noun

  • rage, anger.

अन्य भारतीय भाषाओं में क्रोध के समान शब्द

पंजाबी अर्थ :

करोध - ਕਰੋਧ

कोप - ਕੋਪ

गुजराती अर्थ :

क्रोध - ક્રોધ

उर्दू अर्थ :

गु़स्सा - غصّہ

इताब - عتاب

कोंकणी अर्थ :

राग

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