kshapanak meaning in braj

क्षपणक

क्षपणक के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत
  • अथवा - छपनक

क्षपणक के ब्रज अर्थ

विशेषण

  • निर्लज्ज, बेहया, उन्मत्त

पुल्लिंग

  • बौद्ध संन्यासी ; विक्रम के नवरत्नों में दूसरा रत्न

क्षपणक के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • निर्लज्ज

    उदाहरण
    . उवैस रोज़ पिटने के बाद भी इतना क्षपणक है।


संज्ञा, पुल्लिंग

  • नंगा रहने वाला जैन साधु, दिगंबर यती

    उदाहरण
    . इस कुटिया में एक क्षपणक रहते हैं।

  • बौद्ध भिक्षुओं का एक भेद या संप्रदाय

    उदाहरण
    . इस क्षेत्र में क्षपणक का प्रभाव है।

  • एक कवि जो विक्रमादित्य के नौ रत्नों में से एक माना जाता है, इसने 'अनेकार्थध्वनिमंजरी' नामक एक कोश बनाया था और उणादि सूत्र पर एक वृति लिखी थी

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