कुलथी

कुलथी के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

कुलथी के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • उरद की तरह का एक मोटा अन्न जो प्रायः बरसात में ज्वार के साथ बोया जाता है

    विशेष
    . इसकी बेल भी उरद की भाँति पृथ्वी पर फैलती है; पर इसकी पत्तियाँ पंजे के आकार की होती हैं । फलियाँ गुच्छों में लगती है और एक एक फली में तीन तीन चार चार दाने निकलते हैं । दाने उरद ही के से होते हैं, पर कुछ चिपटे और भिन्न भिन्न रंगों के, जैसे—भूरे, लाल, काले होते हैं । कुलथी घोड़ों और चौपायों को बहुत खिलाई जाती है । गरीब लोग इसकी दाल भी खाते हैं । यह कदन्न मानी गई है । वैद्य लोग इसे धातु शोधने के काम में लाते हैं । वैद्यक में इसे रूखी, कसैली, गरम, कब्ज करनेवाली तथा रक्तपित्तकारिणी मानते हैं ।

कुलथी के अंगिका अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक प्रकार की दाल एक प्रकार का मोटा अन्न

कुलथी के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक मोटा अन्न, अनाज

कुलथी के मगही अर्थ

  • कम उपजाऊ ऊँची जमीन में बोया जाने वाला बरसाती पौधा तथा उस पौधे का बीज जो दलहन के काम में आता है

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