ku.n.Dhal meaning in hindi

कुंड़ल

  • स्रोत - संस्कृत

कुंड़ल के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • सोने , चाँदी आदि का बना हुआ एक मंड़लाकार आभूषण जिस लोग कानों में पहनते हैं , बाली , मुरकी

    उदाहरण
    . घुघरारी लटैं लटकैं मुख उपर कुंड़ल लोल कपोलन की ।

  • कोइ मंड़लाकार आभूषण जैसे— कड़ा, चूड़ा आदि
  • रस्सी आदि का गोल फंदा
  • लोहे का वह गोल मंड़रा जो मोट या चरस के मुँह पर लगाया जाता हैं , मेखड़ा , मेड़ंरी
  • कोल्हू के चारों ओर लगा हुआ गोल बंद
  • किसी लंबी लचीली वस्तु की कई गोल फेरों में सिमट कर बैठने की स्थिति , फेटी , मंड़ल , जैसे,— साँप कुंड़ल बांधकर बैठा है , क्रि॰ प्र॰—बांधना , —मारना
  • वह मड़ल जो कुहरे या बदली में चंद्रमा या सूर्य के किनारे दिखाई पड़ाता है , क्रि॰ प्र॰— में बैंठना ९
  • छंद में वह मात्रिक गण जिसमें दो मात्राएँ हों, पर एक ही अक्षर हो , जैसे— 'श्री'
  • बाईस मात्राओं का एक छंद जिसमें बारह और दस पर विराम होता है और अंत में दो गुरु होते हैं

    विशेष
    . इस छंद में अंतिम दो गुरु के अतिरिक्त शेष अठारह मात्रओं का यह नियम है कि पहली बारह मात्राओं के शब्द या तो सब द्विकल वा त्रिकल अथवा दो त्रिकल के बाद तीन द्विकल अथवा तीन द्विकल के बाद दी त्रिकल होते और शेष बारह मात्राओं में त्रिकल के पश्चात् त्रिकल या तीन द्विकल होते है । इस छंद के चरणांत में अगर एक ही गुरु हो तो उये उड़ियाना कहते हैं । जैसे,— तु दयालु दीन हौं तू दानि हौं भिखारी । हैं प्रसिद्ध पातकी तु पापा पुंज हारी । नाथ तू अनाथ को अनाथ कौन मोसों । मो समान आरन नहिं आरनिहर तोंसों ।

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