kuntii meaning in braj

कुंती

कुंती के अर्थ :

  • अथवा - कुंति

कुंती के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन की माँ

    उदाहरण
    . तारा अरु मंददोरिहु कती द्रुपद सुताहु।

कुंती के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • बरछी, भाला
  • युधिष्ठिर, अर्जुन और भीम की माता , पृथा, पांडु की पत्नी और युधिष्ठिर, अर्जुन एवं भीम की माता

    विशेष
    . यह शूरसेन यादव की कन्या और वसुदेव की बहन थी । इसे इसके चचा भोज देश के राजा कुंतिभोज ने गोद लिया था । यह दुर्वासा ऋषि की बहुत सेवा करती थी, इससे उन्होंने इसे पाँच मंत्र एसे बतलाए कि वह पाँच देवताओं में से किसी को आह्वान कर पुत्र उत्पन्न करा सकती थी । उसने कुमारी अवस्था में ही सूर्य से कर्ण को उत्पन्न कराया । इसके उपरांत इसका विवाह पांडु से हुआ ।

  • एक छोटी मक्खी, दे॰ कुंतली

देशज ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • कंजे की जाति का एक पेड़

    विशेष
    . यह मध्य बंगाल, बरमा, आसाम आदि स्थानों में होता है । इसकी फलियाँ रेंगने और चमड़ा सिझाने के काम आती हैं और बीज से जो तेल निकलता है वह जलाने के काम में आता है । इसके फलों को टेटी कहते हैं ।

कुंती के तुकांत शब्द

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