kutap meaning in braj

कुतप

कुतप के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

कुतप के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • दिन का आठवाँ मुहूर्त जो दोपहर का होता है; श्राद्ध की आवश्यक वस्तुएँ; बाजा विशेष ; बकरी के बाल का कंबल ; सूर्य ; अग्नि ; ब्राह्मण , ८. अतिथि , ९. भांजा

कुतप के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • दिन का आठवां मुहुर्त जो मध्याह्न समय में होता है
  • मिताक्षरा के अनुसार आठ वस्तुएँ जिनकी श्राद्ध में आवश्यकता होती है, अर्थात्—मध्याह्न, खडगपात्र या गैडे के चमड़े का पात्र, नेपाली कंबल, चांदी का बरतन, कुश, तिलु, गाय और दौहित्र, इसे कुतापाष्टक भी कहते हैं
  • एक बाजा
  • बकरी बाल का कंबल
  • सुर्य
  • अग्नि
  • द्विज
  • अतिथि
  • भाजा,
  • वृषभ, बैल
  • अन्न
  • कन्या का पुत्र
  • कुश

कुतप के तुकांत शब्द

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