कूक

कूक के अर्थ :

कूक के अवधी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • रोने की आवाज; स्त्रियों के भेंटने की उतनी आवाज जो एक सांस में रोने पर हो; एक कूक, दुई कूक रोइब; "कुहुक" का वै० रूप

कूक के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Feminine

  • cooing
  • warbling

Noun, Feminine

  • a peahen's melodious voice

कूक के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • लंबी सुरीली ध्वनि
  • मोर या कोयल की बोली, कोयल या मोर आदि पक्षियों की बोली

    उदाहरण
    . तोरन मनहुँ इंद्रधनु सोहत मोर कूक सहनाई । बरसत आनँद आँसु अँबु सोई अबध प्रजा समुदाई । . कोकिल कूक कपोतन के कुल कोलि करै, अति आनँद बारी । —मतिराम (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰— मारना ।


हिंदी ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • घड़ी या बाजे आदि में कुंजी देने की क्रिया, जिससे गति उत्पन्न हो, जैसे,—यह आठ दिनों की कूक की घड़ी है

कूक के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • कोयल की बोली. 2. गहरी लम्बी आवाज़

कूक के ब्रज अर्थ

कूकाकूकू

  • गूंज, 'कू-कू' की ध्वनि

अकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग

  • लंबी सुरीली आवाज

    उदाहरण
    . प्रमदा गन पर बरसही कूक देत अहीर ।

  • मोर या कोकिल की बोली
  • लंबी सुरीली आवाज निकालना

    उदाहरण
    . कूकत है चकवा-चकई कहैं कैसी भई विधि रोति बढ़ाई ।

  • कोयल या मोर की बोली बोलना

कूक के मगही अर्थ

संज्ञा

  • कोयल अथवा मोर की बोली; पक्षियों का मधुर स्वर

कूक के मैथिली अर्थ

संज्ञा, ध्वन्यनुकरण

  • कोइलीक ध्वनि

Noun, Onomatopoeia

  • cooing.

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