कूटू

कूटू के अर्थ :

  • स्रोत - देशज

कूटू के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक पौधा जो हिमालय पर्वत पर ४००० फुट से १०,००० फुट की ऊँचाई तक होता है , वहाँ इसे प्राय: तरकारी के लिये बोते हैं , मैदानों में भी इसकी खेती होती है , फाफर , कुल्टू , काठू , तुंबा , कसपत , कोटू

    विशेष
    . इसकी खेती बंगाल, आसाम, बरमा, दक्षिण भारत, मध्य प्रदेश और उत्तरप्रदेश में भी होती है । बीज जुलाई में बोया जाता है और अक्टुबर में इसकी फसल तैयार होती हैं । पौधा ड़ेढ़ दो फुट ऊँचा होता है और उसके सिरे पर नीले फूलों का गुच्छा लगता है । फूल देखने में बहुत सुंदर होते हैं । फूल गीर जाने पर फल लगते हैं । पकने पर बीजों की इंठल से मलकर अलग कर लेते हैं । बीज काले रंग के तिकोने लंबे और नुकीलै होते हैं । भूसी निकल जाने उनके अंदर से दाने निकालकर आटा पीसते हैं जो फलाहार के लिये ब्रतों में काम आता है ।

कूटू के अवधी अर्थ

संज्ञा

  • एक अनाज का सा दाना जो फलाहार के काम आता है

कूटू के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • फलाहारी खाद्य विशेष

  • फलाहार के काम आने वाला एक खाद्य- पदार्थ , तुंबा

कूटू के तुकांत शब्द

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