lau.ng meaning in awadhi
लौङ के अवधी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- लौंग
लौङ के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Masculine
- a clove
- nose-stud
लौङ के हिंदी अर्थ
लौंग
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
एक झाड़ की कली जो खिलने से पहले ही तोड़कर सुखा ली जाती है, इसके वृक्ष मालाबार अफ्रीका के समुद्रतट, जंजिवार, मलाया, जावा आदि में होते हैं
विशेष
. लौंग की खेती के लिए काली मिट्टी और विशेषतः वह मिट्टी जो ज्वालामुखी की राख हो या जिसमें बालू मिला हो, अच्छी मानी जाती है। पहले इसको पनीरी में एक एक फुट पर बो देते हैं। इसका बीज जहाँ तक हो, जब तक ताजा रहे, तभी तक बोया जाता है; क्योंकि फूल सूख जाने पर बीज नहीं जमतें। चार पाँच सप्ताह में बीज उग आते हैं। पौधे जब चार फुट ऊँचे हो जाते हैं, तब उनको पनीरी से उखाड़कर बीस बीस फुट की दूरी पर बाग़ में लगाते हैं। जहाँ यह लगाया जाय वहाँ की भूमि पोली और दोमट होनी चाहिए। मटियार, बालू या दलदल में यह पौधा नहीं रह सकता। यदि काली मिट्टी में बालू मिला हो और उसके नीचे पीली मिट्टी और कंकड़ पड़ जाए तो लौंग का पेड़ बहुत शीघ्र बढ़ता है। अत्यंत घनी छाया इसको हानिकर होती है। पनीरी बैठाने का समय प्रायः वर्षा का आरंभ है। बैठाए हुए पौधे को दो तीन वर्ष तक धूप से बचाने के लिए प्रायः छाया की आवश्यकता पड़ती है; और आँधी से बचाने के लिए इसके बाग़ की घनी झाड़ी से रुँधाई करने की आवश्यकता होती है। कभी-कभी इसमें आवश्यकतानुसार पानी भी दिया जाता है। तीसरे वर्ष इसके ऊपर से छाजन हटा ली जाती है; और छठे वर्ष से फूल आने लगता है। बारहवें वर्ष पौधा ख़ूब खिलता है; और बीस पचीस वर्ष तक फूलता रहता है। इसके बाद फूल कम आने लगते हैं। कलियाँ पहले हरी रहती है; फिर पीली और अंत को गुलाबी रंग की होती हैं। वही उनके तोड़ने का समय है। ये कलियाँ या तो बँधी हुई चुन ली जाती हैं अथवा लकड़ियों से पीटकर नीचे गिरा दी जाती हैं, और फिर उनको इकट्ठा करके सुखा लिया जाता है। यही लौंग है जो बाज़ारों में बिकता है। कोई कोई कलियाँ जो पेड़ों में रह जाती हैं, बढ़कर फूल जाती हैं और फूल झड़ जाने पर नीचे का भाग फूलकर छोटा सी घुंडी के आकार का हो जाता है, जिसमें एक या दो दाने होते हैं। यही घुंडी बोने के काम में आती है। लौंग की कलम भी उसकी डाली को मिट्टी में दबाने से तैयार की जाती है। डेढ़ दो महीने में उसमें जड़े निकल आती हैं। इस प्रकार की कलम जल्दी फूलने लगती हैं। वैद्यक में इस का स्वाद बरारा कड़ु्आ, गुण शीतल, दीपन, पाचन, रूत्तिकारक कफ़-पित्त-नाशक, प्यास और वमन को मिटाने वाला, आँखों के लिए हितकर और शूल, खाँसी, श्वास, हिचकी और क्षय रोग का नाशक माना गया है। लौंग से भवके द्वारा एक प्रकार का तेल निकलता है। उसका व्यवहार सभी देशी और विदेशी औषधि में होता है। वैद्यक मे इसके तेल का वातनाशक, अग्निदीपक, कफ़नाशक और गर्भिणी के वमन को दूर करने वाला लिखा है। दाँत की पीड़ा में जब दू पेत्त कृमि हो जाएँ, इसको लगाना विशेष लाभदायक होता है। लौंग का प्रयोग विशेषकर मसाले में होता है। -
लौंग के आकार का एक आभूषण जिसे स्त्रियाँ नाक या कान में पहनती हैं
उदाहरण
. यदापि लौंग ललितौ तऊ तू नयहरि दृक आरु। सदा संक दढिऐ रहै रहै चढ़ी सी नाक। . सीता के कानों में सोने की लौंग सुशोभित है।
लौङ के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएलौङ के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएलौङ के अंगिका अर्थ
लौंग
संज्ञा, पुल्लिंग
- एक वृक्ष की कली जो खिलने के पहले ही तोड़ ली जाती है, लौंग के आकार का एक गहना जिसको स्त्रियों नाक में पहनती है
लौङ के कन्नौजी अर्थ
लौंग
संज्ञा, पुल्लिंग
- एक प्रकार का वृक्ष और उसकी कली
- नाक, कान का एक आभूषण
लौङ के कुमाउँनी अर्थ
लौंग
संज्ञा, पुल्लिंग
- एक गरम मसाला, लवंग
लौङ के गढ़वाली अर्थ
लौंग
संज्ञा, पुल्लिंग
- एक झाड़ी की कली जो सुखाकर मसाले और दवा के काम में लाई जाती है, लौंग के आकार का स्त्रियों द्वारा नाक पर पहनने का एक आभूषण
Noun, Masculine
- a kind of spice, clove; a golden ornament of nose shaped like a clove. Syzygium aromaticum.
लौङ के बुंदेली अर्थ
लोंग
संज्ञा, पुल्लिंग
- लवंग, मुख शोधन-मसाले तथा औषधि के काम आने वाला पुष्प का निचला भाग, जो कलियाँ झड़ जाने पर बचा रहता है, फल का पूर्व रूप
- नाक तथा कान में पहिना जाने वाला छोटा फूल के आकार का आभूषण
लौङ के ब्रज अर्थ
लोंग, लवंग
पुल्लिंग
- देखिए : 'लवंग'
लौङ के मगही अर्थ
लौंग, लवंग
हिंदी ; संज्ञा
- एक जंगली झाड़ की कली जो खिलने के पहले ही तोड़ कर सुखा ली जाती है, इसका प्रयोग मसाले या दवा के रूप में होता है
- नाक अथवा कान में पहनने का एक आभूषण
लौङ के मैथिली अर्थ
लवङ्ग
Noun
- clove.
लौंग के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा