लोर

लोर के अर्थ :

लोर के ब्रज अर्थ

विशेषण, पुल्लिंग

  • दे० 'लोल' ; क्षणभंगुर
  • लहकन; कर्णफूल; आँसू

लोर के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; विशेषण

  • लोल, चंचल

    उदाहरण
    . यह वाणी कहत ही लजानी समुझि भई जिय और । सुरश्याम मुख निरखि चली घर आनंद लोचन लोर ।

  • उत्सुक, इच्छुक

संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • कान का कुंडल
  • लटकन
  • कान के नीचे का लटका हुआ भाग, लोलक

संस्कृत, देशज ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • आँसू

    उदाहरण
    . बोलि ढिग बैठारि ताकी पोछि लोचन लोर । सुर प्रभु के बिरह ब्याकुल सखि लखि मुख ओर ।

लोर के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • आंसू, कान का कुण्डल

लोर के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • कान का कुंडल. 2. कान की लोलकी, ललरी. 3. लटकन, झुमका

लोर के बज्जिका अर्थ

संज्ञा

  • आँसू

लोर के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मटमैले पानी के नीचे जम जाने वाली बहुत बारीक मिट्टी की तलछट, प्रेम ओर आनंद के कारण उमड़े हुए आँसू

लोर के भोजपुरी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • आँसू;

    उदाहरण
    . आँख सेलोर बहता।

Noun, Masculine

  • tears.

लोर के मगही अर्थ

संस्कृत, देशज ; संज्ञा

  • आँसू; गम या खुशी आदि में आँखों में उमड़ने वाला जल जैसा द्रव; वर्षा के पानी का बहाव; जल के सोता की क्षीण धारा, (घोल) पूआ आदि बनाने का आटे का घोल, (लर) लाड़-प्यार

लोर के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • नोर, अश्रु

Noun

  • tear.

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