म के अर्थ :

म के हिंदी अर्थ

  • हिंदी वर्णमाला का पचीसवाँ व्यंजन और प वर्ग का अंतिम वर्ण, इसका उच्चारण स्थान होंठ और नासिका है, जिह्वा के अगले भाग का दोनों होठों से स्पर्श होने पर इसका उच्चारण होता है, यह स्पर्श और अनुनासिक वर्ण हे, इसके उच्चारण में संवार, नादघोष और अल्पप्राण प्रयत्न लगते हैं, प, फ, ब और भ इसके सवर्ण हैं

    उदाहरण
    . म का उच्चारण ओष्ठ और नासिका से होता है।


संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • हिन्दू धर्मग्रंथों में वर्णित एक देवता, शिव
  • चंद्रमा
  • ब्रह्मा
  • यम, समय
  • विष, जहर
  • मधुसूदन
  • छंदःशास्त्र में एक गण, मगण
  • संगीत में एक स्वर, मध्यम
  • जल, पानी , सौभाग्य, प्रसन्नता
  • वह पदार्थ जिसके खाने या शरीर में पहुंचने से बेचैनी होती है और कभी-कभी प्राणी मर जाता है
  • वह सबसे बड़ी परम और नित्य चेतन सत्ता जो जगत का मूल कारण और सत्, चित्त, आनन्दस्वरूप मानी गयी है
  • क्षांति

हिंदी ; अव्यय

  • देखिए : 'में'

    उदाहरण
    . ठाढ़ि जो हौं बाट म, साहेब चलि आवो ।


संस्कृत ; अव्यय

  • न, नहीं

    उदाहरण
    . कवि भ्रम भमर म सोचकर, सिमरि नाम अभिराम ।

म के अँग्रेज़ी अर्थ

  • the fifth and final letter of the fifth pentad (i.e. पवर्ग) of the Devna:gri: alphabet

म के अंगिका अर्थ

म :

  • ई अंगिका वर्णमाला में स्पर्श व्यंजन केरों पच्चीसवां वर्ण आरु पवर्ग रॉ पांचवां वर्ण छेकय । ई अनुनासिक छेकय । ऐकरों उच्चारण ओठ छै

म के कन्नौजी अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला में ‘प' वर्ग का अन्तिम व्यंजन वर्ण. उच्चारण स्थान ओष्ठ और नासिका, स्पर्श वर्ण, अनुनासिक

म के कुमाउँनी अर्थ

सर्वनाम

  • म; ‘में' भी या मैं भी प्रयुक्त

म के गढ़वाली अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला का पच्चीसवाँ व्यंजन वर्ण

  • the twenty fifth consonant of Devanagari alphabet.

म के बुंदेली अर्थ

  • हिन्दी वर्णमाला की देवनागरी लिपि के प वर्ग का पंचम वर्ण, जिसका उच्चारण स्थान ओष्ठ्य और नासिका है

म के मैथिली अर्थ

  • वर्णमालाक 25म व्यञ्जन

  • 25th consonant of alphabet.

म के मालवी अर्थ

  • प वर्ग का वर्ण।

सब्सक्राइब कीजिए

आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा