maa.n.Dii meaning in hindi
माँड़ी के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- भात पकाने पर निकलने वाला पानी, भात का पसावन, पीच
-
कपड़े या सूत के ऊपर चढ़ाया जाने वाला कलफ़ जो भिन्न-भिन्न कपड़ों के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार से तैयार किया जाता है
विशेष
. यह माँड़ी आटे, मैदे अनेक प्रकार के चावलों तथा कुछ बीजों से तैयार की जाती है और प्रायः लेई के रूप में होती है। कपड़ों में इसकी सहायता से कड़ापन या करारापन लाया जाता है।उदाहरण
. सुरति ताना करै, पवन भरनी भरै, माँड़ी प्रेम अँग अँग भोनै।
माँड़ी के अंगिका अर्थ
विशेषण
- फुल्ला (आँख की पुतली पर झिल्ली का पड़ जाना) कपड़ा में मांड का कलफ़ देना
माँड़ी के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- कपड़े में कड़क पैदा करने के लिए लगाया जाने वाला कलफ़
माँड़ी के मगही अर्थ
संज्ञा
- (मंड) देखिए : 'मांड़ा'
- कपड़ा आदि पर चढ़ाया कलफ़, वस्तु जिससे कलफ़ चढ़ाते हैं
माँड़ी के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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