मध्यम

मध्यम के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

मध्यम के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • जो दो विपरीत सीमाओं के बीच में हो, जो गुण, विस्तार, मान आदि के विचार से न बहुत बड़ा हो, न बहुत छोटा, मध्य का बीच का

संज्ञा, पुल्लिंग

  • संगीत के सात स्वरों में से चौथा स्वर

    विशेष
    . इसका मूलस्थान नासिका , अतःस्थान कंठ और शरीर में उत्पत्तिस्थान बक्षस्थल माना जाता है । कहते हैं, यह मयूर का स्वर है, इसके अधिकारी देवता महादेव आकृति विष्णु की संतान दीपक राग, वर्ण नील, जाति शूद्र, ऋतु ग्रीष्म, बार बुध और छंद बृहती है और इसका अधिकार कुश द्वीप में है । संक्षेप में इसे 'म' कहते या लिखते है । यह साधारण और तीव्र दो प्रकार का होता है । इसको स्वर (षड़ज) बनाने से सप्तक इस प्रकार होता है—मध्यम स्वर पंचम ऋषभ, धैवत गांधार, कोमल निषाद । मध्यग, स्वर (षड़ज) पंचम ऋषभ, धँवत, गांधार निषाद तीव्र मध्यम को स्वर (षड़ज) बनाने से सप्तक इस प्रकार होता है—तीव्र मध्यम स्वर, कोमल धेवत ऋषभ, कोमल निषाद गांधार, निषाद मध्यम, कोमल, ऋषभ पंचम, कोमल गांधार धैवत, मध्यम, निषाद ।

  • वह उपपति जो नायिका के क्रोध दिखलाने पर अपना अनुराग न प्रकट करे और उसकी चेष्टाओं से उसके मन का भाव जाने
  • साहित्य में तीन प्रकार के नायकों में से एक
  • एक प्रकार का मृग
  • एक राग का नाम
  • मध्य देश

मध्यम के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

मध्यम के अँग्रेज़ी अर्थ

Adjective

  • medium
  • middle, intermediate
  • fourth note of the Indian gamut
  • slow
  • dim

मध्यम के मैथिली अर्थ

विशेषण

  • बिचला

संज्ञा

  • सङ्गीतक चारिम स्वर

Adjective

  • middle

Noun

  • 4th note of gamut.

मध्यम के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मध्यम, बीच का, संगीत का म सुर, रजोगुण, वि. साधारण।

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