महादान

महादान के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

महादान के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पुराणानुसार तुला पुरुष, सोने की गौ या घोड़ा आदि तथा पृथ्वी, हाथी, रथ, कन्या आदि पदार्थों का दान जिससे स्वर्ग की प्राप्ति होती है
  • वह दान जो ग्रहण आदि के समय डोमों, चमारों आदि जातियों को दिया जाता है

महादान के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वे बड़े दान जिनके करने में अनन्त सवर्ग की प्राप्ति होती है

महादान के कन्नौजी अर्थ

  • बड़ा दान, सोने की गौ का दान, कन्यादान, गजदान आदि सोलह दानों में से एक

महादान के ब्रज अर्थ

महाँदान

पुल्लिंग

  • इस दान के अंतर्गत घोड़े का दान, गोदान, सुवर्ण, पृथ्वीदान, गजदान, रथदान और कन्यादान आदि आते हैं

    उदाहरण
    . कामधेनु हु त महादानि जग जानिय ।

  • महादान की गणना में ग्रहणकाल में डोमों आदि को दिये जाने वाले दान भी आते हैं

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