मलार

मलार के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

मलार के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • संगीत शास्त्रनुसार एक राग का नाम

    विशेष
    . कुछ आचार्य इसे छह प्रधान रागों के अंतर्भुत मानते हैं, पर दुसर इसके बदले हिंडाल या मेघराग को स्थान देते हैं । यह राग वर्षाऋतु में गाया जाता है । बेलावली, पूरबी कान्हड़ा, माधवी, काड़ा और केदारिका ये छह इसका रागिनयाँ हैं । यह संपुर्ण जात का राग है और इसके गाने की ऋतु वर्षा और समय रात का दुसरा पहर है । संगीत- सार ने इस मेघ राग का छठा पुत्र माना है । इसका रंग श्याम,आकृति भयानक, गल म साप का माला पहने, फुलौ के आभुषण धारण किए सस्त्रीक बतलाया गया हे । ईसका, स्थान विंध्याचल, वस्त्र केले का पत्ता और मुकुट केले को कलिका कहा जाती है । इसका अस्त्र धनुष, कटारा और छुरा लिखा है ।

    उदाहरण
    . पुस मास सुनि साखन पै साई चलत सवार । गाहे कर बिन परवान तिय राग्यौ राग मलार ।

मलार से संबंधित मुहावरे

मलार के अवधी अर्थ

  • प्रसिद्ध राग जो वर्षा में गाया जाता है

मलार के कन्नौजी अर्थ

  • देखिए : मल्हार

मलार के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मल्लार; वर्ष काल में गाया जाने वाला एक गीत

मलार के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक राग का नाम, एक गीत

मलार के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • बरसाती रागिनी विशेष , मल्लार नामक राग

    उदाहरण
    . पुनि नृप मेघ वखानिये वाला मेघ मलार ।

मलार के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • मल्लार, सङ्गीतक एक राग

Noun

  • musical melody sung in mirth.

मलार के मालवी अर्थ

विशेषण

  • एक राग विशेष, मल्हार राग, वर्षा ऋतु में गाया जाने वाला एक राग।

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