mansuur meaning in braj

मनसूर

मनसूर के अर्थ :

  • स्रोत - अरबी

मनसूर के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • यह सूफी मत के फकीर थे, इनका जन्म नवीं शताब्दी में हुसैन रुल्तांज के घर में हुआ था जो जा नगर वासी थे, वे अपने को ब्रह्म भी कहते थे, बगदाद के खलीफा मकतदिर ने इन्हें काफिर समझ सूली पर चढ़ाया और इनके शव को भस्म करवा दिया, जिससे इनका निशान तक न रहने पाए

मनसूर के हिंदी अर्थ

मंसूर

विशेषण

  • विजेता, विजयी
  • अनबिधा मोती
  • जिसे ईश्वरीय सहायता मिली हो
  • विकीर्ण, बिखरा हुआ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रसिद्ध मुसलमान साधु

    विशेष
    . एक प्रसिद्ध मुसलमान साधु जो सूफी मत का आचार्य माना जाता है। यह नवीं शताब्दी में बैजानगर में हुसेन हल्लाज के घर उत्पन्न हुआ था । यह 'अनहलक' अर्थात् 'अहं ब्रह्मास्मि' कहा करता था । बगदाद के खलीफा मकतदिर ने इसे इस्लाम का विरोधी समझकर सन् ९१९ ईस्वी में सूली पर चढ़ा दिया और इसके शब को भस्म करा दिया था।

    उदाहरण
    . या कि फिर मंसूर सा दूल्हा मिले । मधुर यौवन फूल शूली पर खिले । . रोशन दिलों के बीच भक्ति ज्यों झटा पठा । माखन लिया मनसूर दूर काढ़ दे मठा।

  • देखिए : 'मनसूर'

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