mantra-sanskaar meaning in hindi

मंत्र-संस्कार

  • स्रोत - संस्कृत

मंत्र-संस्कार के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • तंत्रानुसार मंत्रों का वह संस्कार जिसके करने का विधान मंत्र ग्रहण के पूर्व है और जिसके बिना मंत्र फलप्रद नहीं होते

    विशेष
    . ऐसे संस्कार दस हैं जिनके नाम ये हैं— (1) जनन—मंत्र का मातृका यंत्र से उद्धार करना। इसे मंत्रोद्धार भी कहते हैं। (2) जीवन—मंत्र के प्रत्येक वर्ण को प्रणव से संपुट करके सौ-सौ बार जपना। (3) ताडन—मंत्र के प्रत्येक वर्ण को पृथक्-पृथक् लिखकर लाल कनेर के फूल से वायुबीज पढ़-पढ़कर प्रत्येक वर्ण को सौ -सौ बार मारना। (4) बोधन—मंत्र के लिखे हुए प्रत्येक वर्ण पर 'रं' बीज से सो-सौ बार लाल कनेर के फूल से मारना। (5) अभिषेक—मंत्र के प्रत्येक वर्ण को लाल कनेर के फूल से 'रं' बीज द्वारा अभिमंत्रित कर यथाविधि अभिषेक करना। (6) विमलीकरण—सुपुम्ना नाड़ी में मनोयोगपूर्वक मंत्र की चिंता करके मंत्रों के प्रत्येक वर्ण के ऊपर अश्वत्थ के पल्लव से ज्योति मंत्र द्वारा जल सींचना। (7) अप्यायन—ज्योतिर्मंत्र द्वारा सोने के जल, कुशोदक वा पुष्पोदक से मंत्र के वर्णों को सींचना। (8) तर्पण—ज्योतिर्मंत्र द्वारा जल से मंत्र के प्रत्येक वर्ण का तर्पण करना। (9) दीपन—ज्योतिर्मंत्र से दीप्ति साधन करना। (10) गोपन—मंत्र को प्रकट न करके सदा गुप्त रखना और ओठों के बाहर न निकालना।

  • मंत्रों की विधि से किया जाने वाला संस्कार
  • विवाह संस्कार

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