मरसा

मरसा के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

मरसा के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • शाक विशेष

मरसा के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का साग जिसकी पत्तियाँ गोल झुर्रिदार और कोमल होती हैं

    विशेष
    . इसके पेड़ तीन चार हाथ तक ऊचें होते हैं । इसके डंठलों और पत्तियोँ या साग पकाकर लोग खाते हैं । मरसा दो प्रकार का होता है । एक लाल और दूसरा सफेद । लाल मरसा खाने में अधिक स्वादिष्ट होता है । मरसा बरसात के दिनों में बोया जाता है और भादों कुआर तक इसका साग खाने योग्य होता है । पूरी बाढ़ के पहुँचने पर इसके सिरे पर एक मंजरी निकलती है जो एक बालिश्त से एक हाथ तक लंबी होती है । उस समय इसके ड़ंठल और पत्तियाँ भी कड़ी हो जाती हैं और देर तक पकाई जाने पर कठिनाई से गलती हैं । मंजरी में सफेद सफेद छोटे फूल लगते हैं और फूलों के मुरझा जाने पर बीज पड़ते हैं । बीज छोटे, गोल, चिपटे और चमकीले काले रंग के होते हैं । यह बीज ओषधि में काम आति हैँ । वैद्यक में इसके स्वाद को मधुर, इसकी प्रकृति शीतल और गुण रक्तपित्तनाशक, वातकफवर्धक और विष्टंभकारक लिखा है; और लाल मरसे को हल्का, चरपरा और सारक बताया गया है ।

    उदाहरण
    . मरसा (लाल साग) के बड़े बड़े पत्तों को देखकर मुह से लार टपकती है ।

मरसा के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

मरसा के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का साग

मरसा के अवधी अर्थ

संज्ञा

  • प्रसिद्ध साग

मरसा के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • चौलाई, एक प्रकार का पौधा जिसकी पत्तियों का साग बनाया जाता है और बीज फलाहार के काम आते हैं

Noun, Masculine

  • a leafy plant used as vegetable and the flour of its seeds are eaten on days of fast as a fruit diet. Amaranthus viridis.

मरसा के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • एक साग

Noun

  • a vegetable leaf.

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