मसूर

मसूर के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

मसूर के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार की दलहन जिसकी दाल पौष्टिक व स्वादिष्ट होती है।

मसूर के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • lentil, a kind of pulses

मसूर के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का अन्न जो द्विदल और चिपटा होता है जिसका रंग मटमैला होता है , मसूरी

    विशेष
    . प्रायः इसकी दाल बनती है जो गुलाबी रंग को और अरहर की दाल से कुछ छोटी और पतली होती है । पकाने पर इसका भी रंग अरहर की दाल का सा हो जाता है । यह दाल बहुत ही पुष्टिकारक समझी जाती है । इसे प्रायः नीची जमीनों में,जहाँ पानी ठहरता है, खाली खेतों में अथवा धान के खेतों में बोते हैं । इसकी कच्ची फलियाँ भी खाई जाती हैं तथा इसकी सूखी पत्तियाँ और डंठल चारे के काम में भी आते हैं । वैद्यक में इसे मधुर, शीतल, संग्रहक, कफ और पित्त का नाशक तथा ज्वर को दूर करनेवाला माना है । द्विजों में कुछ लोग इसका खाना कदाचित् इसलिये अच्छा नहीं समझते कि इसके नाम का 'मांस' शब्द के साथ कुछ मेल मिलता है । पुराणों में रविवार के लिये इसका खाना नितांत वर्जित किया गया है ।

    उदाहरण
    . मसूर को वैद्यक में मधुर, शीतल, संग्राहक, कफ़ और पित्त का नाशक, ज्वर को दूर करने वाला बताया जाता है ।

मसूर के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

मसूर के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का चिपटा अन्न जिसकी दाल गुलाबी रंग की होती है

मसूर के गढ़वाली अर्थ

मसूर', मशूर

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मसूर की दाल |

विशेषण

  • प्रसिद्ध, मशहूर, ख्याति प्राप्त

Noun, Masculine

  • a kind of pulse, red lentil. Lens esculenta.

Adjective

  • famous.

मसूर के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • दाल के काम आने वाला एक अन्न

मसूर के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • एक अन्न जो दाल की कोटि में आता है

    उदाहरण
    . मूंग मसूर उरद चनदारी कनक फटक-फटक घरि फटकि पछारी।

मसूर के मगही अर्थ

संज्ञा

  • दे. 'मसुरी'

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