मत्स्य

मत्स्य के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

मत्स्य के मैथिली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मछली

Noun, Masculine

  • fish

मत्स्य के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • a fish

मत्स्य के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मछली
  • प्राचीन विराट देश का नाम

    विशेष
    . कुछ लोगों का मत है कि वर्तमान दीनाजपुर और रगपुर ही प्राचीन काल का मत्स्य देश है; और कुछ लोग इसे प्राचीन पांचाल के अंतर्गत मानते हैं।

  • छप्पय छंद के 23 वें भेद का नाम
  • (पुराण) नारायण
  • बारहवीं राशि, मीन राशि
  • अठारह पुराणों में से एक जो महापुराण माना जाता है, कहते हैं कि जब विष्णु भगवान् ने मत्स्य अवतार धारण किया था, तब यह पुराण कहा था
  • विष्णु के दस अवतारों में से पहला अवतार जो सतयुग में हुआ था, इस अवतार में उनके नीचे का अंग रोहू मछली के समान और रंग श्याम था, सिर पर सींग थे, चार हाथ थे, छाती पर लक्ष्मी थीं और सारे शरीर में कमल के चिन्ह थे

    विशेष
    . महाभारत में लिखा है कि प्राचीन काल में विवस्वान् के पुत्र वैवस्वत मनु बहुत ही प्रसिद्ध और बडे तपस्वी थे। एक बार एक छोटी मछली ने आकर उनसे कहा कि मुझे बड़ी-बड़ी मछलियाँ बहुत सताती हैं; आप उनसे मेरी रक्षा कीजिए। मनु ने उसे एक घड़े में रख दिया और वह दिन- दिन बढ़ने लगी। जब वह बहुत बढ़ गई, तब मनु ने उसे एक कुएँ में छोड़ दिया। जब वह और बड़ी हुई, तब उन्होंने उसे गंगा में छोड़ा, और अंत में उसे वहाँ से भी निकालकर समुद्र में छोड़ दिया। समुद्र में पहुँचते ही उस मछली ने हँसते हुए कहा कि शीघ्र ही प्रलयकाल आने वाला है। इसलिए आप एक अच्छी और द्दढ़ नाव बनवा लीजिए और सप्तऋषियों सहित उसी पर सवार हो जाइए। सब चीज़ों के बीज भी अपने पास रख लीजिएगा; और उसी नाव पर मेरी प्रतीक्षा कीजिएगा। वैवस्वत मनु ने ऐसा ही किया। जब प्रलयकाल आया और सारा संसार जलमग्न हो गया, तब वह विशाल मछली उन्हें दिखाई दी। उन्होंने अपनी नाव उस मछली के सींग से बाँध दी। कुछ दिनों बाद वह मछली उस नाव को खींचकर हिमालय के सबसे ऊँचे शिखर पर ले गई। वहाँ वैवस्वत मनु और सप्तऋषियों ने उस मछली के कहने से अपनी नाव उस शिखर में बाँध दी। इसीलिए वह शिखर अब तक 'नौबंधन' कहलाता है। उस समय उस मछली ने कहा कि मैंने तुम लोगों की रक्षा करने और संसार की फिर से सृष्टि करने के लिए मत्स्य का अवतार धारण किया है। अब यही मनु फिर से सारे संसार की सृष्टि करेंगे। यह कहकर वह मछली वहीं अंतर्धान हो गई। मत्स्य पुराण में लिखा है कि प्राचीन काल में मनु नामक एक राजा ने घोर तपस्या करके ब्रह्मा से वर पाया कि जब महाप्रलय हो, तब मैं ही फिर से सारी सृष्टि की रचना करूँ और तब प्रलय काल आने से कुछ पहने विष्णु उक्त प्रकार से मछली का रूप धरकर उनके पास आए थे। इसी प्रकार भगवत आदि पुराणों में भी इससे मिलती-जुलती अथवा भिन्न कई कथाएँ पाई जाती हैं।

  • पुराणनुसार सुनहरे रंग की एक प्रकार की शिला जिसका पूजन करने से मुक्ति होती है
  • मत्स्य देश का राजा

मत्स्य के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

मत्स्य के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मछली
  • प्राचीन विराट देश का नाम
  • अष्टादश पुराणांतर्गत एक पुराण

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