मत्ता

मत्ता के अर्थ :

मत्ता के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • बारह अक्षरों का एक वृत जिसके प्रत्येक चरण में मगण, भगण, सगण और एक गुरु होता है और ४, ६ पर यति होती है, जैसे,—मत्ता ह्णँ कै हरि रस सानी, धावै बंसी सुनत सयानी
  • मदिरा, शराब

संस्कृत ; क्रिया-विशेषण

  • भाववाचक प्रत्यय पन

    विशेष
    . इसका प्रयोग शब्दों को भाववाचक बनाने में उसके अंत में होता है । जैसे, बुद्धिमत्ता । नीतिमत्ता ।

  • 'मान' से परिवर्तन होकर बनने वाला भाववाचक रूप, जैसे- बुद्धिमान से बुद्धिमत्ता
  • 'मत' का वह रूप जो भाववाचक शब्द बनाने के लिए प्रत्यय के रूप में शब्दों के अंत में लगता है, जैसे- नीतिमत्ता

प्राकृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • 'मात्रा'

    उदाहरण
    . दस मत्ता के छंद में वृत्ति नवासी होइ । संगोहादिक गतिन सँग बरनत हैं सब कोइ ।

मत्ता के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

मत्ता के मैथिली अर्थ

  • दे. मत्त (4)

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