मिरगी

मिरगी के अर्थ :

मिरगी के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • मानसिक मूर्छा का रोग विशेष ; हिरनी , मृगी

मिरगी के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक प्रसिद्ध मानसिक रोग , अपस्मार

    विशेष
    . इस रोग का बीच बीच में दौरा हुआ करता है और इसमें रोगी प्रायः मूर्छिंत होकर गिर पड़ता है, उसके हाथ पैर ऐंठने लगते हैं और उसके मुँह से झाग निकलने लगता है । कभी कभी रोगी के केवल हाथ पैर ही ऐंठते हैं और उसे मूर्छा नहीं आती । यह रोग वातज, पित्तज,कफज और सन्निपातज भेद से चार प्रकार का कहा गया है । विशेष दे॰ 'अपस्मार' ।

मिरगी के अंगिका अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • अपस्मार रोग जिसमें रोगी मूछित होकर गिर पड़ता है

मिरगी के अवधी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • वह रोग जिसके कारण मनुष्य बेहोश होकर मुँह से झाग गिराता तथा हाथ-पैर पटकता है

मिरगी के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक मानस रोग

मिरगी के बघेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • मादा मृग, आकाश के विशेष तारे, असाध्य रोग

मिरगी के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक रोग जिसमें मनुष्य बेहोश होकर हाथ पैर फड़फड़ाने लगता है तथा मुँह पर झाग आ जाता है, अपस्मार

मिरगी के मगही अर्थ

अरबी ; संज्ञा

  • अपस्मार या मिरगी रोग; मादा हरिन, मृगी

मिरगी के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • मूर्छारोग

Noun

  • epilepsy.

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