मुर

मुर के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

मुर के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मूलधन, मूल, जड़ सार

मुर के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वेष्ठन, बेठन, आवरण
  • एक दैत्य जिसे विष्णु ने मारा था और जिसे मारने के कराण उनका नाम 'मुरारि' पड़ा, एक दैत्य जो विष्णु (मुरारी) के हाथों मारा गया

    उदाहरण
    . मधु कैटभ मधन, मुर भौम केशी भिदन, कंस कुल काल अनुसार हारी ।


अव्यय

  • फिर, दोबारा

मुर के यौगिक शब्द

संपूर्ण देखिए

मुर के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मच्छर प्रजाति के उड़ने वाले कीट-पतंग,अति लघु मक्खी, ऐसे मच्छर जो चौपायों के इर्द-गिर्द घूमते हैं;

मुर के ब्रज अर्थ

अकर्मक क्रिया

  • लौटना , मुड़ना, वापस आना

    उदाहरण
    . कतहु मुरी नहि रंध्रइ जरी नहिं नेम ते हरी नहिं तुही जाने ।

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