मुरज

मुरज के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

मुरज के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पूर्व काल में प्रचलित मुँह से बजाया जाने वाला लोक बाद्य, मुँहचंग, मुँह से तबले जैसे बोल निकालने की क्रिया

मुरज के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मृदंग, पखावज

    उदाहरण
    . रुज मुरज डफ ताल बाँसुरी झालर को झंकार । . कोउ मंजु मुरज अमोल ढोलन तबल अमल अपार हैं ।

  • एक प्रकार का चित्रकाव्य जिसमें पद्य के अक्षरों को इस प्रकार रखते हैं कि वे मृदंग को आकृति के बन जायँ, पद्य के अनेक बंधों में से एक का नाम

    उदाहरण
    . खंग कमल कंकन डमरु चंद्र चक्र धनु हार । मुरज, छत्रजुत बंध बहु पर्वत वृक्ष केंवार ।

मुरज के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

मुरज के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • मृदंग , पखावज

    उदाहरण
    . बाजत पनव निसान पत्र विघ, रुंच मुरज सहनाई ।

मुरज के मैथिली अर्थ

संज्ञा, आलंकारिक

  • मृदङ्ग

Noun, Classical

  • a musical drum.

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