ण के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

ण के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun

  • the ultimate nasal letter of the third pentad (i.e. टवर्ग) of the Devna:gri: alphabet

ण के हिंदी अर्थ

संज्ञा

  • हिंदी या संस्कृत वर्णमाला का पंद्रहवाँ व्यंजव, इसका उच्चारण- स्थान मूर्धा है, इसके उच्चारण में आभ्यंतर प्रयत्न स्पृष्ट और सानुनासिक है, बाह्य प्रयत्न संवार नाद घोष और अल्पप्राण है, उसका संयोग मुधंन्य वर्ण, अंतस्थ तथा म और ह के साथ होता है

    उदाहरण
    . ण का उच्चारण स्थान मूर्द्धा तथा नासिका है तथा यह णगण का सूचक चिह्न या संक्षिप्त रूप माना जाता है।


संज्ञा, पुल्लिंग

  • विंदुदेव, एक बुद्धा का नाम
  • आभूषण
  • निर्णय
  • ज्ञान
  • शिव का एक नाम
  • पानी का घर
  • दान
  • पिंगल में एक गण का नाम, वि॰ दे॰ 'जगण'
  • बुरा व्यक्ति, खराब आदमी
  • अस्वीकारसूचक शब्द, न, नहीं

विशेषण

  • गुणरहित, गुणशून्य

ण के कन्नौजी अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला में 'ट' वर्ग का पाँचवां वर्ण. उच्चारण स्थान मूर्द्धा

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