नाक

नाक के अर्थ :

नाक के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • नाक, नासिका, मान मर्यादा, प्रतिष्ठा, इज्जत; स्वाभिमान

नाक के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Feminine

  • the nose
  • (a symbol of) prestige
  • honour
  • pre-eminent person (in a class or group)

नाक के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • मुखमंडल की मांस- पोशियों और अस्थियों के उभार से बना हुआ लन के रूप का वह अवयव जिसके दोनों छेद मुखविवर और फुस्फुस से मिले रहते हैं और जिससे घ्राण का अनुभव और श्वास प्रश्वास का व्यापार होता है , सूँघने और साँस लेने की इंद्रिय , नासा , नासिका

    विशेष
    . नाक का भीतरी अस्तर छिद्रमय मांस की झिल्ली का होता है जो बाराबर कपालधट और नेत्र के गोलकों तक गई, रहती है, इसी झिल्ली तक मस्तिष्क के वे संवेदनसूत्र आए रहते हैं जिनसे घ्राण का व्यापार अर्थात् गंध का अनुभव होता है । इसी से होकर वायु भीतर जाती है जिसमें गंधवाले अणु रहते हैं । इस झिल्ली का ऊपरवाला भाग ही गंधवाहक होता है, नीचे का नहीं । नीचे तक संवेदनसूत्र नहीं रहते । नासारंध्र का मुखविवर, नेत्रगोलक, कवालघट आदि से संबंध होने के कारण नाक से स्वर और स्वाद का भी बहुत कुछ साधन होता है तथा कपाल के भीतर कोशों में इकट्ठा होनेवाला मल और आँख का आँसू भी निकलता है । जीबविज्ञानियों का कहना है कि उठी हुई नाक मनुष्य की उन्नत जातियों का चिह्न है, हबशी आदि असभ्य जातियों की नाक बहुत चिपटी होती है ।

  • कपाल के कोशों आदि का मल जो नाक से निकलता है , रेंट , नेटा , क्रि॰ प्र॰—आना , —बहना , यौ॰—नाक सिनकना = जोर से हवा निकालकर नाक का मल बाहर फेंकना
  • चरखे में लगी हुई एक चिपटी लंकड़ी जो अगले खूँटे के आगे निकले हुए बेलन के सिरे पर लगी रहती है और जिसे पकड़कर चरखा घुमाते हैं
  • लकड़ी का वह डंडा जिसपर चढ़ाकर बरतन खरादे जाते हैं , ५, प्रतिष्ठा की वस्तु , श्रेष्ठ बा प्रधान वस्तु , शोभा की वस्तु , जैसे,—वे ही तो इस शहर की नाक हैं
  • प्रतिष्ठा , इज्जत , मान

    उदाहरण
    . नाक पिनाकहि संग सिधाई ।

  • मगर की जाति का एक जलजंतु

    विशेष
    . मगर से इसमें यह अंतर होता है कि यह उतनी लंवी नहीं होती, पर चौड़ी अधिक होती हैं । मुँह भी इसका अधिक चिपटा होता है और उसपर घड़ा या थूथन नहीं होता । पूँछ में काँटे स्पष्ट नहीं होते । यह जमीन पर मगर से अधिक दूर तक जाकर जानवरों को खींच ला सकती है । सरजू तथा उसमें मिलनेवाली और छोटी छोटी नदियों में यह बहुत पाई जाती है ।


संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • स्वर्ग
  • अंतरिक्ष , आकाश
  • अस्त्र का एक आघात
  • सूर्य (को॰)

संस्कृत ; विशेषण

  • कष्टहीन, प्रसन्न, सुखी

नाक से संबंधित मुहावरे

नाक के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • दो छेदों वाला प्रसिद्ध अंग, जिससे साँस का आवागमन होता है 2. नाक से बहने वाला तरल मल. 3. मान, मर्यादा, प्रतिष्ठा, इज्जत

नाक के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • सूंघने व सांस लेने की इन्द्री, नासिका; इज्जत, प्रतिष्ठा

Noun, Masculine

  • nose; a symbol of houour, respect.

नाक के बज्जिका अर्थ

संज्ञा

  • नासिका

नाक के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • स्वर्ग ; अंतरिक्ष ; अस्त्राघात

सकर्मक क्रिया, सकर्मक

  • लाँघना
  • नाकाबंदी करना

नाक के मगही अर्थ

हिंदी ; संज्ञा

  • इन्द्रिय ज्ञान जिससे सांस लेने-छोड़ने का काम तथा गंध का ज्ञान होता है; प्रतिष्ठा अथवा शोभा की वस्तु, इज्जत, सम्मान, सूई में धागा पिरोने का छेद

नाक के मैथिली अर्थ

  • गन्धग्राहक अङ्ग
  • (लाक्ष) अत्युत्कृष्ट कोनहु वस्तु

  • nose.
  • (fig) the best of the kind.

नाक के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग

  • नासिका।

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