नांदी

नांदी के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

नांदी के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • अभ्युदय , समृद्धि
  • वह आशीर्वादात्मक श्लोक या पद्य जिसका पाठ सूत्रधार नाटक आरंभ करने के पहले करता है , मंगलाचरण

    विशेष
    . संस्कृत नाटकों में विघ्नशांति के लिये इस प्रकार के मंगलपाठ की चाल है । साहित्य दर्पण के अनुसार नांदी आठ या बारह पदों की भी लिखी है । नांदीपाठ मध्यम स्वर में होना चाहिए ।

  • नाटक आरंभ होने से पहले सूत्रधार द्वारा पढ़ा जाने वाला मंगलाचरण
  • समृद्धि; धन-संपत्ति
  • अम्युदय, समृद्धि
  • नाटक में वह आशिर्वादात्मक पद्य जो सूत्रधार अभिनय आरंभ करने से पहले मंगलाचरण के रूप में उच्च स्वर में गाता या पढ़ता है, मंगलाचरण

संज्ञा, पुल्लिंग

  • नाटक के आरंभ में नांदीपाठ करनेवाला व्यक्ति
  • नाटक के आरंभ में मंगलवाद्य बजानेवाला व्यक्ति
  • वह मंगलात्मक श्लोक या गीत जिसका पाठ सूत्रधार नाटक के आरंभ में करता है
  • वह मंगलात्मक श्लोक या गीत जिसका पाठ सूत्रधार नाटक के आरंभ में करता है

    उदाहरण
    . यवनिका के उठते ही नांदी शुरू हो गई ।

नांदी के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Feminine

  • a benedictory prologue (in Indian dramaturgy)
  • the mythological bull-vehicle of Lord Shiv

नांदी के बुंदेली अर्थ

नाँदी

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • बहुत बड़े आकार की नाँद

नांदी के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • समृद्धि ; मंगलाचरण

नांदी के मैथिली अर्थ

नान्दी

संज्ञा

  • नान्दीश्राद्ध, आभ्युदयिक
  • नाटकाभिनयक आरम्भमे मङ्गलाचरण, नान्दीपाठ

Noun

  • worship of the departed forefathers on festive occasions.
  • prayer at the beginning of dramatic performance.

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