नाटिका

नाटिका के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

नाटिका के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन

  • एक प्रकार का दृश्य काव्य जिसके अधिकतर पात्र राज-कुल के होते हैं

    विशेष
    . यह एक प्रकार का नाटक ही है जिसमें चार अंक होते हैं, पर इसकी कथा कल्पित होती है। नायिका राजकुलोद- भवा और नवानुरागिणी तथा नायक धीर ललित होता है। इसमें स्त्री पात्र अधिक होते हैं।

  • एक रागिनी

    विशेष
    . यह नटनारायण, हम्मीर और अहीरी राग के योग से बनती है और संपूर्ण जाति की मानी जाती हैं। नारद के मत से यह कर्णाटकी और हनुमत के मत से दीपक की पत्नी है। इसका स्वरग्राम यह है— सा, रे, ग, म, प, ध नि, सा।

  • छोटा नाटक
  • नाड़ी

    उदाहरण
    . नाहीं पाँच नत्तु तुम साधा। नाहीं नवो नाटिका राधा।

नाटिका के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Feminine, Singular

  • diminutive of नाटक—a short play
  • A poem based on a kind of legendary story which has four parts, most of the characters belong to the royal family and they have an excess of female characters and dances and music

नाटिका के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • उपरूपक का एक भेद, जिसमें कल्पित कथा और चार अंक होते हैं

नाटिका के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • छोट नाटक रूपकक एक भेद

Noun

  • short drama, one-act-play.

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