nakshatravyuuh meaning in hindi
नक्षत्रव्यूह के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
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फलित ज्योतिष में वह चक्र जिसमें यह दिखलाया जाता है किन-किन पदार्थों, जातियों आदि का कौन-कौन नक्षत्र स्वामी है
विशेष
. बृहत्संहिता के 15 वें अध्याय में लिखा है—सफे़द फूल, अग्निहोत्री, मंत्र जानने वाले, भूत की भाषा जानने वाले, ख़ान में काम करने वाले, हज्जाम, द्विज, कुम्हार, पुरोहित और वर्षफल जानने वाले कृत्तिका नक्षत्र के अधीन हैं। सुव्रत, पुण्य राजा, धनी, योगी, शाकटिक, गौ, बौल, जलचर, किसान, और पर्वत रोहिणी के अधिकार में हैं। पद्म, कुसुम, फल, रत्न, वनचर, पक्षी, मृग, यज्ञ में सोमपान करने वाले, गंधर्व, कामी और पत्रवाहक मृगशिरा के अधिकार में हैं। वध, बंध, परदारहरण, शठता और भेद करने वाले आर्दा के अधिकार में हैं। इसी प्रकार और भी भिन्न-भिन्न पदार्थों आदि के संबंध में यह बतलाया है कि वे किस नक्षत्र के अधिकार में हैं।
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