navratn meaning in braj
नवरतन के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- नौ रत्न--मोती, पन्ना, मानिक, गोमेद, हीरा, मूंगा, लहसुनियाँ, पद्मराग, नीलम
नवरतन के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Masculine
- nine great men of a king's court
- the nine gems viz. pearl (मोती), diamond (हीरा) etc
नवरतन के हिंदी अर्थ
नवरत्न, नौरतन
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- नौनगा नाम का गहना
- नौ प्रकार के रत्न- मोती, पन्ना, माणिक, गोमेद, हीरा, मूँगा, लहसुनिया, पद्मराग एवं नीलम
- मोती, पन्ना, माणिक, गोमेद, हीरा, मूँगा, लहसुनियाँ, पुष्यराज और नीलम - ये नौ रत्न
- वे नौ विद्वान जो प्राचीन काल में अकबर के दरबार में रहते थे; नवरत्न
- उक्त नौ प्रकार के रत्नों वाला आभूषण
-
मोती, पन्ना, मानिक, गोमेद, हीरा, मूँगा, लहसुनिया, पद्मराग और नीलम ये नौ रात्न या जवाहिर
विशेष
. पुराणानुसार ये नौ रत्न अलग अलग एक एक ग्रह के दोषों की शांति के लिये उपकारी हैं । जैसे, सूर्य के लिये लहसुनिया, चंद्रमा के लिये नीलम, मंगल के लिये मानिक, बुध के लिये पुखराज, बृहस्पति के लिये मोती, शुक्र के लिये हीरा, शनि के लिये नीलम, राहु के लिये गोमेद और केतु के लिये पन्ना । - वे नौ विद्वान जो प्राचीन काल में किसी-किसी राजा-महाराजा की सभा में रहते थे
- वे नौ विद्वान जो प्राचीन काल में किसी-किसी राजा-महाराजा की सभा में रहते थे
- मोती, पन्ना, माणिक, गोमेद, हीरा, मूँगा, लहसुनियाँ, पुष्यराज और नीलम - ये नौ रत्न
- राजा विक्रमादित्य के राजदरबार के प्रख्यात नौ विद्वान
-
राजा विक्रमादित्य की एक कल्पित सभा के नौ पंडित जिनके नाम ये हैं—धन्वंतरि, क्षपणक, अमरसिंह, शंकु, बेतालभट्ट धटखर्पर, कालिदास, वराहमिहिर और वररुचि
विशेष
. ये सब पंडित एक ही समय में नहीं हुए हैं बल्र्कि भिन्न भिन्न समयों में हुए हैं । लोगों ने इन सबको एकत्र करके कल्पना कर ली है कि ये सब राजा विक्रमादित्य की सभा के नौ रत्न थे । - गले में पहनने का एक प्रकार का हार जिसमें नौ प्रकार के रत्न या जवाहारात होता हैं
- भारत सरकार द्वारा घोषित सार्वजनिक क्षेत्र के नौ औद्योगिक प्रतिष्ठान
- वे नौ विद्वान जो प्राचीन काल में किसी-किसी राजा-महाराजा की सभा में रहते थे
-
मोती, पन्ना, माणिक, गोमेद, हीरा, मूँगा, लहसुनियाँ, पुष्यराज और नीलम - ये नौ रत्न
उदाहरण
. वह ग्रह बाधा दूर करने के लिए नवरत्न की अँगूठी पहनता है । - नौ प्रकार के रत्नों का समूह
-
वे नौ विद्वान जो प्राचीन काल में किसी-किसी राजा-महाराजा की सभा में रहते थे
उदाहरण
. कालिदास विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक थे । - नौ-नगा नाम का गले में पहनने का गहना
- गले में पहनने का एक प्रकार का हार जिसमें उक्त नौ प्रकार के अथवा अनेक प्रकार के रत्न जड़े होते हैं; धन्वंतरि, क्षपणक, अमरसिंह, शंकु, वेताल भट्ट, घटखर्पर, कालिदास, वराहमिहिर और वररुचि इन नौ महान् व्यक्तियों की सामूहिक संज्ञा, विशेष-किवदंती के अनुसार ये महाराज विक्रमादित्य की सभा के सदस्य माने जाते हैं, परंतु ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार यह बात अप्रामाणिक सिद्ध होती है; एक प्रकार की मीठी चटनी जो कई तरह के मसालों के योग से बनती है
- मोती, पन्ना, मानिक, गोमेद, हीरा, मूंगा, लहसुनियाँ, पद्मराग और नीलम ये नौ रत्न
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- एक प्रकार की चटनी जिसमें ये नौ चीजें पड़ती हैं—खटाई, गुड़, मिर्च, शीतलचीनी, केसर, इलायची, जावित्री सौंफ और जीरा
नवरतन के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएनवरतन के बुंदेली अर्थ
नोरतन
संज्ञा, पुल्लिंग
- मोती, पन्ना, मानिक, गोमद, हीरा, आदि
नवरतन के मगही अर्थ
नौरतन
अरबी ; संज्ञा
- नवरत्न यथा गोमेद, नीलम, पदाराग, पन्ना, मानिक, मूंगा, मोती, लहसुनियाँ और हीरा; विक्रमादित्य, अकबर आदि के दरबार के प्रसिद्ध नौ विद्वान या उसकी मंडली; नौ नग जड़ा गले का हार
नवरतन के मैथिली अर्थ
नवरत्न
संज्ञा
- नओ गोट प्रसिद्ध रत्नक संयोगः (लाक्ष) नओ विशिष्ट विद्वान्/कलाकारक समूह
Noun
- nine exquisite gems, (fig) a group of nine great scholars/artists. cf नओरतन।
नवरत्न के तुकांत शब्द
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