nigambodh meaning in hindi

निगमबोध

  • स्रोत - संस्कृत

निगमबोध के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पृथ्वीराज रासो के अनुसार दिल्ली के पास जमुना नदी के किनारे एक पवित्र स्थान

    विशेष
    . रासो में लिखा है कि दानवराज धुंधु (ढुंढ या ढुंढा) शाप छुड़ाने के लिये विमान पर चढ़कर काशी जा रहे थे । रास्ते में उन्हें प्यास लगी ओर वे योगिनीपुर (दिल्ली) जल पीने के लिये उत्तरे जहाँ उन्हें एक ऋषि (हारिफ) मिले । ऋषि ने उन्हें जमुना के किनारे निगमबोध नाम की गुफा में नारायण की तुपस्या करने के लिये कहा । दानवराज तपस्या करने लगे । एक दिन पांडुवंशीय (?) राजा अनगपाल की कन्य़ा सखियों सहित स्नान करने के लिये जमुना के किनारे आई औ�� पानी बरसने के कारण उस गुफा में उसने आश्रय लिया । तपस्वी को देख उसने उसे स्तुति से प्रसन्न किया और यह वर माँगा कि हमलोग वीरपत्नी हों और सदा एक साथ रहें । दानवराज ने अनंगपाल की कन्या को वर दिया कि तुम्हारा एक पुत्र बड़ा प्रतापी होगा और दूसरा पुत्र बड़ा भारी वक्ता होगा । इसके उपरांत दानवराज ने काशी जाकर अपना शरीर १०८ खंड़ो में काटकर गंगा में डाल दिया । उसके जिह्वांश से एक प्रसिद्ध भाट और २० खंड़ी से २० क्षत्रिय वीर अजमेर में उत्पन्न हुए । इन बीस क्षत्रियों में सोमेश्वर प्रधान थे जिनके पुत्र पृथ्वीराज हुए ।

निगमबोध के तुकांत शब्द

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