niryaN meaning in hindi
निरयण के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
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भारतीय ज्योतिष में काल-गणना और पंचांग बनाने की वह विधि (सायन से भिन्न) जो अयन अर्थात् राशि-चक्र की गति पर अवलंबित या आश्रित नहीं होती, बल्कि जिसमें किसी स्थिर तारे या विंदु से सूर्य के भ्रमण का आरंभ स्थान माना जाता है, ज्योतिष में गणना की एक रीति, अयनरहित गणना
विशेष
. सूर्य राशिचक्र में निरंतर घूमता रहता है। उसके एक चक्कर पूरे होने को वर्ष कहते हैं। ज्योतिष की गणना के लिए यह आवश्यक है कि सूर्य के भ्रमण का आरंभ किसी स्थान से माना जाए। सूर्य के मार्ग में दो स्थान ऐसे पड़ते हैं जिन पर उसके आने पर रात और दिन बराबर होते हैं। इन दो स्थानों में से किसी स्थान से भ्रमण का आरंभ माना जा सकता है, पर विषुवरेखा (सूर्य का मार्ग) के जिस स्थान पर सूर्य के आने से दिनमान की वृद्बि होने लगाती है उसे वासंतिक विषुवपद कहते हैं। इस स्थान से आरंभ करके सूर्यमार्ग को 360 अंशों में विभक्त करते हैं। प्रथम 30 अंशों को मेष, द्बितीय को वृष इत्यादि मानकर राशिविभाग द्वारा जो लग्नस्फुट और ग्रहस्फुट गणना करते हैं उसे "सायन' गणना कहते हैं।
विशेषण
- (ज्योतिष में काल-गणना) जो अयन अर्थात् राशि-चक्र की गति पर अवलंबित या आश्रित न हो
- अयन-रहित
निरयण के तुकांत शब्द
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