पाँस

पाँस के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

पाँस के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • राख, गोबर, मल, मुत्र, अस्थि, क्षार, सड़ी गली चीजें आदि जो खेतों को उपजाऊ करने के लिये उनमें डाली जाती है , खाद , क्रि॰ प्र॰—डालना , —देना
  • किसी वस्तु को सड़ाने पर उठा हुआ खमीर
  • शराब निकाला हुआ महुआ

पाँस के कन्नौजी अर्थ

पाँसु

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • गोबर की खाद

पाँस के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • ऐसा फन्दा जो खिसका कर छोटा-बड़ा किया जा सके, बखर में लगायी जाने वाली लोहे की धारदार पटरी

पाँस के मालवी अर्थ

विशेषण

  • फाँस, शरीर में किसी वस्तु की चुभन, पास, निकट, कृषि के उपयोग में आने वाली लोहे का फाल, बक्खर की पास।

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