पाठा

पाठा के अर्थ :

पाठा के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक बेल जिसके पत्ते गोल और नोकदार, फूल सफेद तथा फल लाल और मकोय के समान होते हैं ,पाढ़ा नाम की लता , पाढ़ , पाढ़ा

    विशेष
    . इसके पत्ते कुछ नोकदार गोल, फूल छोटे सफेद और फल मकोय के से होते हैं । फलों का रंग लाला होता है । यह दो प्रकार की होती है—छोटी और बड़ी । गुण दोनों के समान हैं । वैद्यक में यह कड़वी, चरपरी, गरम, तीखी, हलकी, टूटी हड्डियों को जोडनेवाली, पित्त, दाह, शूल, अतिसार, वातपित्त, ज्वर, वमन, विष, अजीर्ण, त्रिदोष, हृदयरोग, रक्तकुष्ठ, कंडु, श्वास, कृमि, गुल्म, उदररोग, व्रण और कफ तथा बात का नाश करनेवाली मानी गई है ।


संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • वह जो जवान और परिपुष्ट हो, हृष्टपुष्ट, मोटा तगड़ा, जैसे, साठा तब पाठा
  • जवान बैल, भैंसा या बकरा

पाठा के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

पाठा के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Feminine

  • a strong youngman
  • a stout young animal

पाठा के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • बकरी का नर बच्चा

पाठा के अवधी अर्थ

संज्ञा

  • हृष्ट-पुष्ट व्यक्ति

पाठा के ब्रज अर्थ

विशेषण, पुल्लिंग

  • जवान और मोटा-ताजा आदमी ; जवान बैल, भैंसा
  • हृष्टपुष्ट , मोटा-ताजा

पाठा के मगही अर्थ

अरबी ; संज्ञा

  • बकरी का नर बच्चा; पट्ठा पहलवान; जवान नर हाथी

पाठा के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • दे. पट्टा, 2. एक वनौषधि

Noun

  • a herb.

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