पावक

पावक के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

पावक के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • अग्नि , आग , तेज , ताप

    विशेष
    . महाभारत वन पर्व में लिखा है कि २७ पावक ऋषि ब्रह्मा के अंग से उत्पन्न हुए जिनके नाम ये हैं— अंगिरा, दक्षिण, गार्हपत्प, आहवनीय, निर्मथ्य, विद्युत्, शूर, संवर्त, लौकिक, जाठर, विषग, क्रव्य, क्षेमवान्, बैष्णव, दस्युमान्, वलद, शांत, पुष्ट विभावस्तु, ज्योतिष्मान, भरत, भद्र, स्विष्टकृत्, वसुमानू, क्रतु, सोम ओर पितृमान् । क्रियाभेद से अग्नि के ये भिन्न भिन्न नाम है ।

  • सदाचार
  • अग्निमंथ वृक्ष , अगेथु का पेड़
  • चित्रक वृक्ष , चीते का पेड़ , भल्लातक , भिलावाँ
  • विड़ग , वायविडंग
  • कुसुम
  • वरुण ९
  • सूर्य
  • संत , तपस्वी (को॰)
  • विद्यत् की ज्वाला , बिजली को अग्नि (को॰)
  • तीन की संख्या क्योंकि कर्मकांड में तीन अग्नि प्रधान कहे गए हैं (को॰)
  • पावकमणि , पावकशिख = केसर
  • जलती हुई लकड़ी, कोयला या इसी प्रकार की और कोई वस्तु या उस वस्तु के जलने पर अंगारे या लपट के रूप में दिखाई देने वाला प्रकाशयुक्त ताप

विशेषण

  • शुद्ब करनेवाला, पावन करनेवाला, पवित्र करनेवाला

पावक के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • the fire

पावक के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • अग्नि ; अग्निदेव ; सूर्य ; चित्रक वृक्ष

विशेषण

  • शुद्ध करने वाला

पावक के मैथिली अर्थ

संज्ञा, आलंकारिक

  • आगि

Noun, Classical

  • fire.

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