pa.Dnaa meaning in angika

पड़ना

पड़ना के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

पड़ना के अंगिका अर्थ

क्रिया

  • गिरना, बिछाया जाना, उत्पन्न होना, उपस्थित होना, ठहरना, रोगी होना, पड़ता खाना, मार्ग में मिलना

पड़ना के हिंदी अर्थ

पड़ना

अकर्मक क्रिया

  • एक स्थान से गिरकर, उछलकर अथवा और किसी प्रकार दूसरे स्थान पर पहुँचना या स्थित होना , कहीं से चलकर कहीं, प्राय: ऊँचे स्थान से नीचे आना , गिरना , पतित होना , जैसे,—जमीन पर पानी या ओला पड़ना, सिर पर पत्थर पड़ना, चिराग पर हाथ पड़ना, साँप पर निगाह पड़ना, कान में आवाज पड़ना, कुरते पर छींटा पड़ना, बिसात पर पासा पड़ना आदि , संयो॰ क्रि॰—जाना , विशेष—'गिरना' और पड़ना के अर्थो में यह अंतर है कि पहली क्रिया का विशेष लक्ष्य गति व्यापार पर और दूसरी का प्राप्ति या स्थिति पर होता है , अर्थात् पहली क्रिया वस्तु का किसी स्थान से चलना या रवाना होना और दूसरी क्रिया किसी स्थान पर पहुँचना या ठहरना सूचित करती है , जैसे— पहाड़ के पत्थर गिरना और सिर पर पत्थर पड़ना
  • (कोई दुःखद घटना) घटित होना, अनिष्ट या अवांछ- नीय वस्तु या अवस्था प्राप्त होना
  • बिछाया जाना, फैलाया जाना, रखा जाना, डाला जाना
  • छोड़ा या डाला जाना, पहुँचना या पहुँचाया जाना, दाखिल होना, प्रविष्ट होना
  • बीच में आना या जाना, हस्तक्षेप करना, दख़ल देना

    उदाहरण
    . तुम चाहे जो करो, हम तुम्हारे मामले में नहीं पड़ते।

  • ठहरना, टिकना, विश्राम करने या रात बिताने के लिए अवस्थान करना, डेरा डालना, पड़ाव करना (बरात या सेना के लिए बोलते हैं)

    उदाहरण
    . आज बरात कहाँ पड़ेगी?

  • विश्राम के लिए सोना या लेटना, कल लेना, आराम करना

    उदाहरण
    . थोड़ी देर पड़े रहो तो तबीअत हलकी हो जाएगी।

  • बीमार होना , खाट पर पड़ना

    उदाहरण
    . अबकी तुम किस बुरी साइत में पड़े कि अबतक न उठे। . मैं तो आज चार रोज़ से पड़ा हूँ, तुमने कल बाज़ार में मुझे कैसे देखा।

  • मिलना, प्राप्त होना

    उदाहरण
    . तुम यह किताब लोगे, तभी तुम्हें चैन पड़ेगा।

  • पड़ता खाना

    उदाहरण
    . चार आने में नहीं पड़ता, नहीं तो बेच न देता। . इकट्ठा सौदा सस्ता पड़ता है। . हमें वह आलमारी १२ में पड़ी है

  • आय, प्राप्ति आदि का औसत होना, पड़ता होना

    उदाहरण
    . यहाँ मुझे एक रुपए रोज से अधिक नहीं पड़ता

  • रास्ते में मिलना, मार्ग में मिलना

    उदाहरण
    . घर से निकलते ही काना पड़ा, देखें कुशल से पहुँचते हैं या नहीं। . तुम्हारे रास्ते में चार नदियाँ और पाँच पड़ाव पड़ेंगे।

  • उत्पन्न होना, पैदा होना

    उदाहरण
    . बाल में दाने पड़ना। . फल में कीड़े पड़ना।

  • स्थित होना

    उदाहरण
    . इस कुंडली के सातवें घर में मंगल पड़ा है। . बग़ीचे में डेरा पड़ा है।

  • संयोगवश होना, उपस्थित होना, प्रसंग में आना

    विशेष
    . जिन-जिन स्थलों में 'होना' क्रिया बोली जाती है उनमें से बहुत से स्थलों में 'पड़ना' का भी प्रयोग हो सकता है। 'पड़ना' के प्रयोग में विशेषता यही होती है कि इससे व्यापार का अधिक संयोगवश होना प्रकट होता है। 'साथ हुआ' और 'साथ पड़ा' में से पिछला क्रियाप्रयोग व्यापार में संयोग का भाव सूचित करता है।

    उदाहरण
    . जब कभी बात पड़ती है वे तुम्हारी तारीफ़ ही करते हैं।

  • जाँच या विचार करने पर ठहरना, पाया जाना

    उदाहरण
    . यह धान उससे कुछ बीस पड़ता है . दोनों में लाल घोड़ा कुछ मजबूत पड़ता है

  • (देशांतर या अवस्थांतर) होना, (पहली स्थिति या दशा त्यागकर नई स्थिति या दशा को) प्राप्त होना

    विशेष
    . 'पड़ना' के प्रयोग से जिस दशांतर की प्राप्ति सूचित की जाति है वह प्रायः पूर्वदशा से अपेक्षाकृत हीन या निकृष्ट होती है। जहाँ पहली स्थिति से अच्छी स्थिति में जाने का भाव होता है वहाँ इसका व्यवहार कम स्थलों पर होता है।

  • (पशुओं के लिए) मैथुन करना, संभोग करना

    उदाहरण
    . यह घोड़ा जब-जब किसी घोड़ी पर पड़ता है तब तब बीमार हो जाता है।

  • अत्यंत इच्छा होना, धुन होना, चिंता होना

    विशेष
    . यह क्रिया अनेक क्रियाओं विशेषत: अकर्मक क्रियाओं से संयुक्त होती है। यह जब धातुरूप के साथ संयुक्त होती है तब मुख्य किया के व्यापार में आकस्मिकता या संयोग सूचित करती है, जैसे, कह पड़ना, दे पड़ना, आ पड़ना, जा पड़ना आदि। और जब धातुरूप के बदले पूरी क्रिया ही से संयुक्त होती है तब उसके करने में कर्ता की बाध्यता, विवशता या परतंत्रता प्रकट करती है, जैसे, कहना पड़ा, देखना पड़ा, सहना पड़ा, आना पड़ा, जाना पड़ा इत्यादि। इसके अतिरिक्त कभी कभी किसी शब्द के साथ लगकर यह क्रिया कुछ विशेष अर्थ देने लगती है। जैसे- (क) कुछ रुपया तुम्हारे नाम पड़ा है। (क) कई दिन से तुम उनके पीछे पड़े हो। (ग) सरदी के मारे गले पड़ गए हैं। (घ) अब तो यह किताब हमारे गले पड़ी है, आदि। ऐसी दशा में यह महाविरे का रूप धारण कर लेती है। ऐसे अर्थों के लिये मुख्य शब्द अथवा संज्ञाएँ देखो। जिस प्रकार व्यापार के घटित होने के लगभग या सदृश व्यापार सूचित करने के लिये क्रिया का रूप भूतकालिक करके तब उसके साथ 'जाना' लगाते हैं (जैसे, हाथ जला जाता है पैर कटा जाता था, चीज हाथ से गिरी जाती है) उसी प्रकार 'पड़ना' भी लगाते हैं, जैसे- छड़ी हाथ से गिरि पड़ती है। उ॰—चुनरि चारु चुई सी परै चटकीली हरी अँगिया ललचावै।

    उदाहरण
    . तुम्हें तो यही पड़ रही है कि किस प्रकार इस साल बी॰ ए॰ हो जाए।


  • विपत्ति या मुसीबत आना, संकट या कठिनाई प्राप्त होना

    उदाहरण
    . जैसी मुझ पर पड़ी ईश्वर वैसी किसी पर न डाले। . जिस पर पड़ती है वही जानता है।

पड़ना के यौगिक शब्द

संपूर्ण देखिए

पड़ना से संबंधित मुहावरे

  • क्या पड़ी है

    क्या प्रयोजन है, क्या मतलब है

  • पड़ना

    एक स्थान से गिरकर, उछलकर अथवा और किसी प्रकार दूसरे स्थान पर पहुँचना या स्थित होना , कहीं से चलकर कहीं, प्राय: ऊँचे स्थान से नीचे आना , गिरना , पतित होना , जैसे,—जमीन पर पानी या ओला पड़ना, सिर पर पत्थर पड़ना, चिराग पर हाथ पड़ना, साँप पर निगाह पड़ना, कान में आवाज पड़ना, कुरते पर छींटा पड़ना, बिसात पर पासा पड़ना आदि , संयो॰ क्रि॰—जाना , विशेष—'गिरना' और पड़ना के अर्थो में यह अंतर है कि पहली क्रिया का विशेष लक्ष्य गति व्यापार पर और दूसरी का प्राप्ति या स्थिति पर होता है , अर्थात् पहली क्रिया वस्तु का किसी स्थान से चलना या रवाना होना और दूसरी क्रिया किसी स्थान पर पहुँचना या ठहरना सूचित करती है , जैसे— पहाड़ के पत्थर गिरना और सिर पर पत्थर पड़ना

  • पड़ा होना

    एक स्थान में कुछ समय तक स्थित रहना , एक ही जगह पर बने रहना जैसे,—

  • पड़े रहना

    बराबर लेटे रहना, बिना कुछ काम किए लेटे रहना, लेटकर बेकारी काटना, निकम्मा रहना

अन्य भारतीय भाषाओं में पड़ना के समान शब्द

पंजाबी अर्थ :

डिगणा - ਡਿਗਣਾ

पैणा - ਪੈਣਾ

लेटणा - ਲੇਟਣਾ

गुजराती अर्थ :

पडवुं - પડવું

मांदा पडवुं - માંદા પડવું

उर्दू अर्थ :

पड़ना - پڑنا

लेटना - لیٹنا

कोंकणी अर्थ :

पडप

आडपडप

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