pa.nvaar meaning in kannauji
पँवार के कन्नौजी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- क्षत्रियों का एक उपवर्ग
पँवार के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
प्रवाल, मूँगा
उदाहरण
. देखि दशा सुकुमारि की युवती सब धाई । तरु तमाल, बूभत फिरैं कहि कहि मुरभाई । नँदनंदन देखे कहूँ मुरली करधारी । कुंड़ल मुकुट बिराजै तनु कुंडल भारी । लोचन चारु विलास है नासा अति लोनी । अरुत अघर दशानावली छबि बरनै कौनी । बिंब पँवारे लाजहीं दामिनि दुति थोरी । ऐसे हरि हमको कहो कहुँ देखे हौ री । - राजपूतों की एक जाति, दे॰ 'जाति'
पँवार के गढ़वाली अर्थ
पंवार
- पंवार वंशीय वीर राजा जनश्रुति के अनुसार जिसने देवी को अपना सिर अर्पित कर दिया था
संज्ञा, पुल्लिंग
- परमार, राजपूतों की एक उपजाति
- राजपूतों की एक उपजाति
- an ancient ruler of Garhwal who according to common belief offered his head to mother goddess KALI.
Noun, Masculine
- a sub caste of warrior clan in India.
- one of the sub-castes of Kashatriyas
पँवार के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- राजपूतों की एक उपजाति , पमार
सकर्मक क्रिया, सकर्मक
- किसी काम से रोकना ; उपेक्षा-पूर्वक दूर हटाना ; फेंकना
पँवार के तुकांत शब्द
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