paraj meaning in braj
परज के ब्रज अर्थ
स्त्रीलिंग
-
रागिनी विशेष
उदाहरण
. परज गरजि रहो राग ।
परज के हिंदी अर्थ
पर्ज
संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग
- एक रागिनी जो गांधार, धनाश्री और मारू के मेल से बनी हुई मानी जाती है, इसके गाने का समय रात ११ दंड से १५ दंड तक है, स्वर इसमें ऋषभ और धैवत कोमल, तथा मध्यम तीव्र लगता है, यह हिंदोल राग की सहचरी मानी जाती है
-
एक राग
उदाहरण
. भर्तृहरि राग पुरज और ललित राग के योग से बना है । - एक संकर रागिनी
- परज
संस्कृत ; विशेषण
- परजात, दूसरे से उत्पन्न
- दूसरे या पराये से उत्पन्न
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- कोकिल
- कोयल; कोकिल
- रात के अंतिम पहर में गाया जाने वाला एक राग
परज के मालवी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- कर्त्तव्य, कर्म, मान लेना, कल्पना करना
परज के तुकांत शब्द
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