परमार

परमार के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

परमार के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • क्षत्रियों की एक उपजाति

परमार के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • राजपूतों का एक कुल जो अग्निकुल के अंतर्गत है, पँवार

    विशेष
    . परमारों की उत्पत्ति शिलालेखों तथा पद्मगुप्तरचित 'नवसाहसांकचरित' नामक ग्रंथ में इस प्रकार मिलती है। महर्षि वशिष्ठ अर्बुदगिरि (आबू पहाड़) पर निवास करते थे। विश्वामित्र उनकी गाय वहाँ से छीन ले गए। वशिष्ठ ने यज्ञ किया और अग्निकुंड़ से एक बीर पुरुष उत्पन्न हुआ जिसने बात की बात में विश्वामित्र की सारी सेना नष्ट करके गाय लाकर वशिष्ठ के आश्रम के पर बाँध दी। वशिष्ठ ने प्रसन्न होकर कहा 'तुम परमार (शत्रुओं को मारने वाले) हो और तुम्हारा राज्य चलेगा।' इसी परमार के वंश के लोग परमार कहलाए। पृथ्वीराज रासो (आदि पर्व) के अनुसार उपद्रवी दानवों से आबू के ऋषियों की रक्षा करने के लिए वशिष्ठ ने अग्निकुंड़ से परमार की उत्पत्ति की। परमारों का राज्य मालवा में था।

  • मालवा के एक राजवंश का सदस्य

    उदाहरण
    . मालवा पर परमारों का भी शासन रहा।

परमार के गढ़वाली अर्थ

पंवार

संज्ञा, पुल्लिंग

  • राजपूतों की एक उपजाति

Noun, Masculine

  • one of the sub-castes of Kashatriyas

परमार के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक क्षत्रिय जाति

    उदाहरण
    . इहि ओर कर्न परमार धीर।

परमार के मैथिली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक क्षत्रिय वंश

Noun, Masculine

  • a family of Ksatriyas

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