parigh meaning in braj

परिघ

परिघ के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

परिघ के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • गड़ासा

    उदाहरण
    . चलहिं परिघ तरवार कई ।

परिघ के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • लोहाँगी , गँड़ासा
  • ज्योतिष में एक योग , २७ योगों के अंतर्गत १९वाँ योग

    विशेष
    . इस योग को आधा छोड़कर शुभ कर्म करने चाहिए । जन्मकाल में यह योग पड़ने से मनुष्य वंशकुठार, असत्य- साक्षी क्षमाहीन, स्वल्पानुभोक्ता और शत्रुदल को जीतनेवाला होता है ।

  • अर्गला , अगड़ी
  • मुदगर
  • शूल , भाला , बर्छी
  • कलस
  • घोड़ा
  • गोपुर , फाटक ९
  • घर
  • स्वामिकार्तिक का एक अनुचर
  • तीर
  • पर्वत
  • वज्र
  • शेषनाग
  • जल
  • चंद्र
  • सूर्य
  • नदी १९
  • स्थल
  • आनंद और सुख की निवारक अविद्या
  • बाधा , प्रतिबंध
  • महाभारत के अनुसार एक चांडाल का नाम
  • सुश्रुत के अनुसार एक प्रकार का मूढ़ गर्भ
  • वे बादल जो सूर्य के उदय या अस्त होने के समय उसके सामने आ जाँय
  • शीशे का घड़ा या जलपात्र (को॰)

परिघ के पर्यायवाची शब्द

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