patang meaning in kannauji
पतंग के कन्नौजी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- बाँस की कमानियों के ढाँचे पर कागज या पन्नी मढ़कर बनाया जाने वाला खिलौना जिसे तागे में बाँधकर हवा में उड़ाते हैं
पतंग के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Masculine
- a paper kite
पतंग के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
एक प्रकार का बड़ा वृक्ष जिससे लाल रंग बनाते हैं
विशेष
. यह वृक्ष मध्यभारत तथा कटक प्रात में अधिकता से होता है । बैसाख जेठ में जमीन को अच्छी तरह जोतकर इसके बीज बो दिए जाते हैं । प्रायः २० वर्ष में जब इसके पेड़ चालीस फुट ऊँचे हो जाते हैं तब काट लिए जाते हैं । इसके लकड़ी को छोटे छोटे टुकड़ों में काटकर प्रायः दो पहर तक पानी में उबालते हैं, जिससे एक प्रकार का बहुत बढ़िया लाल रंग निकलता है । पहले इस रंग की खपत बहुत होती थी और यह बहुत आधिक मान में भारत से विदेशों को भेजा जाता था, परंतु जबसे विलायती नकली रंग तैयार होने लगे तबसे इसकी माँग बहुत घट गई है । आजकल कई प्रकार के विलायती लाल रंग भी 'पतंग' के नाम से ही बिकते हैं । कुछ लोग इसको 'लालचंदन' ही मानते है, परतुं यह बात ठीक नहीं है । इसको 'बक्कम' भी कहते हैं । - पक्षी चिड़िया
-
हवा में ऊपर उड़ाने का एक खिलौना जो बाँस की तीलियों के ढ़ाँचे पर एक और चौकोना कागज और कभी कभी बारीक कपड़ा मढ़कर बनाया जाता है , गुड्डी , कनकोवा , चंग , तुक्कल , तिलंगी
विशेष
. इसका ढाँचा दो तीलियाँ से बनता है । एक बिलकुल सीधी रखी जाती है पर दूसरी को लचाकर मिहराबदार कर देते हैं । सीधी तीली को 'ढड्ढ़ा' और मिहराबदार को 'कमाँच' या 'काप' कहते हैं । ढड्ढ़े के एक सिरे को 'पुछल्ला' और दूसरे को 'मुड़्ढ़ा' कहते हैं । पुछल्ले पर एक तिकोना कागज और मढ़ दिया जाता है । कमाँच के दोनों सिरे 'कुब्बे' कहलाते हैं । ढड़्ढे पर कागज की दो छोटी चौकोर चकतियाँ मढ़ी होती है । एक उस स्थान पर जहाँ ढड्ढ़ा और कमाँच एक दूसरे को काटते हैं, दूसरी पुछल्ले की और कुछ निश्चित अंतर पर । इन्हीं में सूराख करके 'कन्ना' अर्थात् वह डोरा बाँधा जाता है जिसमें चरखी या परेते की डोरी का सिरा बाँधकर पतंग उड़ाया जाता है । यद्यपि देखने में पतंग के चारों पार्श्वों की लंबाई बराबर जान पड़ती है, तथापि मुड़्ढ़े और कुब्बे का अंतर कुब्बे और पुछल्ले के अंतर से आधिक होता है । जिस डोरी से पतंग बढ़ाया जाता हे बह नख, बाना, रील आदि कई प्रकार की होती है । बाँस के जिस विशेष ढ़ाँचे पर डोरी लपेटी रहती है । उसके भी दो प्रकार है—एक 'चरखी' और दूसरा 'परेता' । विस्तारभेद से पतंग कई प्रकार का होता है । बहुत बड़े पतंग को 'तुक्कल' कहते हैं । बनावट का दोष, हवा की तेजी आदि कारणों से अक्सर पतंग हवा में चक्कर खाने लगता है । इसे रोकने के लिये पुछल्ले में कपड़े की एक धज्जी बाँध देते हैं, इसको भी 'पुछल्ला' कहते हैं । भारतवर्ष में केवल मनोरंजन के लिये पतंग उड़ाया जाता है परंतु पाश्चात्य देशों में इसका कुछ व्यावहारिक उपयोग भी किया जाने लगा है । - शलभ, टिड्डी
- परवाना, पाँखी, भुनगा, फतिंगा
- कोई परदार कीड़ा, उड़नेवाला कीड़ा
- सूर्य
- एक प्रकार का धान, जड़हन
- जलमहुआ, जलमधूक वृक्ष
- एक प्रकार का चंदन
-
कंदुक, गेंद
उदाहरण
. करहीं गान बहु तान तरंगा । बहु बिधि क्रिड़हि पानि पतंगा । - पारद, पारा
- जैनों के एक देवता जो वाणव्यंतर नामक देवगण के अंतर्गत हैं
- एक गंधर्व का नाम
- एक पहाड़ का नाम
- तन, शरीर, जिस्म (अने॰)
- नौका, नाव (अने॰)
- चिनगारी
- कृष्ण या विष्णु
- अश्व, घोड़ा
विशेषण
- उड़नेवाला
पतंग के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएपतंग के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएपतंग से संबंधित मुहावरे
पतंग के अंगिका अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- फतिंगा, चिनगारी
पतंग के गढ़वाली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- कनकौआ, गुड्डी
Noun, Masculine
- a paper kite.
पतंग के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- कागज का खिलौना जो धागे से बाँधकर आकाश में उड़ाया जाता है
पतंग के ब्रज अर्थ
विशेषण
- उड़ने वाला
पतंग के मालवी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- पक्षी, चिड़िया, शलभ, टिड्डी, सूर्य, हवा में उड़ने वाला कागज का प्रसिद्ध खिलौना, गुड़ी।
अन्य भारतीय भाषाओं में पतंग के समान शब्द
पंजाबी अर्थ :
पतंग - ਪਤੰਗ
भंबट - ਭੰਬਟ
पतंगा - ਪਤੰਗਾ
गुजराती अर्थ :
पतंग - પતંગ
कनकवो - કનકવો
पतंगियुं - પતંગિયું
उर्दू अर्थ :
पतंग - پتنگ
पतंगा - پتنگا
कोंकणी अर्थ :
पतंग
पतंग (कीड)
पतंग के तुकांत शब्द
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