पठान

पठान के अर्थ :

पठान के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • काबुल या कंधार के रहने वाले जो हींग और मेवा बेचने तथा क़र्ज़ देने का काम करते थे

पठान के हिंदी अर्थ

पश्तो ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक मुसलमान जाति जो अफ़गानिस्तान के अधिकांश और भारत के सीमांत प्रदेश, पंजाब तथा रुहेलखंड आदि में बसते हैं इस जाति के लोग कट्टर, क्रूर, हिंसाप्रिय और स्वाधीनताप्रिय होते हैं, पठान जाति का व्यक्ति

    विशेष
    . यह जाति अनेक संप्रदायों और शाखाओं में विभक्त है जिनमें से प्रत्येक के नाम के साथ वंश या संप्रदाय का सूचक 'खेल', 'जई' आदि। कोई न कोई शब्द लगा रहता है। जैसे- जक्का खेल; गिलजई आदि। प्रत्येक संप्रदाय में एक सरदार होता है जिसको 'मलिक' कहते हैं। सीमांत प्रदेश के पठानों में यही सरदार शासक होता है। सीमांत प्रदेश के पठान प्राय: असभ्य हैं। आखेट, चोरी और डकैती ही उनकी जीविका के साधन हैं। अफ़गानिस्तान के पठान अपेक्षाकृत सभ्य हैं। भारत के पठान उपर्युक्त दोनों ही स्थानों के पठानों से अधिक सभ्य हैं और प्राय: खेती या नौकरी करके अपनी जीविका चलाते हैं। धर्म की अपेक्षा रूढ़ि और सभ्यता की अपेक्षा स्वाधीनता पठानों को अधिक प्रिय है। नीति-अनीति का वे बहुत कम विचार करते हैं। पठान प्राय: लंबे-चौड़े, डील-डौल वाले, गोरे और क्रूराकृति होते हैं। जातिबंधन इनमें विशेष दृढ़ है। एक संप्रदाय के पठान का दूसरे में ब्याह नहीं हो सकता। स्त्रियों को सतीत्वरक्षा का इन्हें बहुत ज़्यादा ख़याल रहता है। इनके आपस के अधिकांश झगड़े स्त्रियों ही के लिए होते हैं। इनके उत्तराधिकार आदि के झगड़े क़ुरआन के अनुसार नहीं, वरन् रूढ़ियों के अनुसार फ़ैसला होते हैं, जो भिन्न-भिन्न संप्रदायों में भिन्न-भिन्न हैं। पठानों का प्राचीन इतिहास अनिश्चयात्मक है। पर इसमें कोई संदेह नहीं कि अधिकांश उन हिंदुओं के वंशज हैं जो गांधार, कांबोज, वाह्लीक आदि में रहते थे। फ़ारस के मुसलमान होने के बाद इन स्थानों के निवासी क्रमश: मुसलमान हुए। इनमें से अधिकांश राजपूत क्षत्रिय थे। परमार आदि बहुत से राजपूत वंश अपनी कई शाखाओं को सिंधपार बसने वाले पठानों में बतलाते हैं। पूर्वज कहाँ से आए और कौन थे इस विषय में कोई कल्पना अधिक साधार नहीं है। इनकी भाषा 'पश्तो' आर्य प्राकृत ही से निकली है। पीछे तुर्क और यहूदी जातियाँ भी अफ़गनिस्तान में आकर बस गईं और पुराने पठानों से इस प्रकार हील-मिल गईं कि अब किसी पठान का वंश निश्चय करना प्रायः असंभव हो गया है। पठान शब्द की व्युत्पत्ति भी अनिश्चयात्मक है। इस विषय में अधिक ग्राह्वा कल्पना यह है कि पहले पहल अफ़गानिस्तान के 'पुख़्ताना' स्थान में बसने के कारण इस जाति को 'पुख़्तून' और इसकी भाषा को 'पुख़्तू' कहते थे। फिर क्रमश: जाति को पठान और भाषा को पश्तो कहने लगे।

    उदाहरण
    . कई पठान मेरे अच्छे मित्र हैं।

  • पश्तो भाषा बोलने वाला व्यक्ति
  • अफ़गानिस्तान के पख़्तूनिस्तान प्रदेश का निवासी
  • (लाक्षणिक) शूर, वीर, योद्धा (मुसलमान)

लश्करी ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • जहाज़ या नाव का पेंदा

पठान के यौगिक शब्द

संपूर्ण देखिए

पठान के अवधी अर्थ

संज्ञा

  • मुसलमानों की एक जाति

पठान के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मुसलमानों की एक प्रसिद्ध उपजाति

पठान के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पूर्वी अफ़गानिस्तान के निवासी पठान
  • पश्तो भाषा
  • पश्तो भाषी, पहाड़ी लोग
  • अधिकांश (अब मुस्लिम) धर्मावलंबी अफ़गानमूल के भारतीय

पठान के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मुसलमानों की एक जाति

पठान के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • मुसलमानों का एक वर्ग

Noun

  • a section of Muslim community

पठान के तुकांत शब्द

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