पथर

पथर के अर्थ :

पथर के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • दे-पाथर, पत्थर के लिए कुमाऊँनी में पाथर शब्द है जो चोड़े चिकने-सपाट पत्थर के लिए प्रयुक्त होता है;

विशेषण

  • समास रूप में पथर शब्द पत्थर से सम्बन्धित इस अर्थ में प्रयुक्त होता है

पथर के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • stone
  • (fig.) hard-hearted
  • heartless, unfeeling (person)
  • an allomorph of पत्थर used as the first member in compound words (as पथरचटा see पत्थरचटा)

पथर के हिंदी अर्थ

पत्थर

संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • पृथ्वी के कड़े स्तर का पिंड या खंड, भूद्रव्य का कड़ा पिंड या खंड

    विशेष
    . विशेष दे॰ 'प्रेस' (२) पत्थर के छापे में छपा हुआ विषय या लेख । पत्थर के छापे का काम । पत्थर के छापे की छापाई । जैसे, —(किसी पुस्तक की छपाई के विषय में) यह ते पत्थर का छापा है । . भूगर्भ शास्त्र के अनुसार पृथ्वी की बनावट में अनेक स्तर या तहें हैं। इनमें से अधिक कड़ी कलेवरवाली तहों का नाम पत्थर है। पत्थरों के मुख्य दो भेद हैं— आग्नेय और जलज। आग्नेय पत्थरों की उत्पत्ति, भूगर्भस्थ ताप के उद्भेद से होती है। पृथ्वी के गर्भ से जो तरल पदार्थ अत्यंत उत्तप्त अवस्था में इस उद्भेद द्वारा ऊपर आता है वह कालांतर में सरदी से जमकर चट्टानों का रूप धारण करता है। इस रीति पर पत्थर बनने की क्रिया भूगर्भ के भीतर होती है। उपर्युक्त तरल पदार्थ भूगर्भ स्थित चट्टानों से टकराकर अथवा अन्य कारणों से भी अपनी गरमी खो देता और पत्थर के रूप में ठोस हो जाता है। जलज पत्थर जल के प्रवाह से बनते हैं। मार्ग में पड़नेवाले पत्थर आदि पदार्थों को चूर्ण करके जलधारा कीचड़ के रूप में उन्हें अपने प्रवाह के साथ बहा ले जाती है। जिस कीचड़ के उपादान में कड़े परमाणु अधिक होते हैं वह जमने पर पत्थर का रूप धारण करता है। जलज पत्थरों की बनावट प्रायः तह पर तह होती है पर आग्नेय पत्थरों की ऐसी नहीं होती। पत्थर मानव जाति के लिए अत्यंत उपयोगी पदार्थ है। आज जो काम विविध धातुओं से लिए जाते हैं आदिम अवस्था में वे सभी केवल पत्थर से लिए जाते थे। जब तक मनुष्यों ने धातुओं की प्राप्ति का उपाय और उनका उपयोग नहीं जाना था तब तक उनके हथियार, औज़ार, बरतन झाँड़े सब पत्थर के ही होते थे। आजकल पत्थर का सबसे अधिक उपयोग मकान बनाने के काम में किया जाता है। इससे बरतन, मूर्तियाँ, टेबुल, कुर्सी, आदि भी बनती है। संगमरमर आदि मुलायम और चमकीले पत्थरों से अनेक प्रकार की सजावट की वस्तुएँ और आभूषण आदि भी बनाए जाते हैं। भारतवासी बहुत प्राचीन काल से ही पत्थर पर अनेक प्रकार की कारीगरी करना सीख गए थे। बढ़िया मूर्तियाँ, बारीक़ जालियाँ, अनेक प्रकार के फूल पत्ते आदि बनाने में वे अत्यंत कुशल थे। बौद्धों के समय में मूर्तितक्षण और मुग़लों के समय में जाली, बेलबूटे आदि बनाने की कलाएँ विशेष उन्नत थीं । यद्यपि मुगल काल के बाद से भारत के इस शिल्प का बराबर ह्रास हो रहा है, फिर भी अभी जयपुर में संगमरमर के बरतन और आगरे में अलंकार आदि बड़े साफ और सुंदर बनाए जाते हैं । भारत के पहाड़ों में सब प्रकार के पत्थर मिलते हैं । विंध्य पर्वत इमारती पत्थरों के लिये और अरावली पर्वत संगमरमर के लिये प्रसिद्ध हैं । विशेष दे॰ 'संगमरमर' । . बोलचाल में पत्थर शब्द का प्रयोग अत्यंत कड़ी अथवा भारी, गतिशून्य अथवा अनुभूतिशून्य वस्तु, दयाकरुणाहीन, अत्यंत जड़बुद्धि अथवा परम कृपण व्यक्ति आदि के संबंध के होता है।

  • सड़क के किनारे गड़ा हुआ वह पत्थर जिस पर मील के संख्यासूचक अंक खुदे होते हैं, सड़क की नाप सूचित करनेवाला पत्थर, मील का पत्थर

    उदाहरण
    . तीन घंटे से हमलोग चल रहे हैं, लेकिन सिर्फ़ चार पत्थर आए हैं।

  • ओला, बिनौली, इंद्रोपल
  • रत्न, जवाहिर, हीरा, लाल, पन्ना आदि
  • पत्थर का सा स्वभाव रखनेवाली वस्तु, पत्थर की तरह कठोर, भारी अथवा हटने, गलने आदि के अयोग्य वस्तु, जैसे— अत्याचारी का हृदय, जड़बुद्धि का मस्तिष्क, बड़ा ऋण, दुंर्जर भोज्य, आदि , क्रि॰ प्र॰—
  • कुछ नहीं, बिलकुल नहीं, ख़ाक (तुच्छता या तिरस्कार के साथ अभाव सूचित करता है)

    उदाहरण
    . तुम इस किताब को क्या पत्थर समझोगे। . वहाँ क्या पत्थर रखा है?

  • भवन सामग्री आदि के रूप में उपयोग होने वाला वह निश्चित आकार का शिलाखंड जो किसी विशेष उद्देश्य से बनाया गया होता है

    उदाहरण
    . इस भवन की दीवारें संगमरमर के पत्थर से बनी हैं।

  • पृथ्वी के स्तर का वह कठोर पिंड या खंड जो चूने, बालू आदि के जमने से बना होता है

    उदाहरण
    . मूर्तिकार पत्थर की मूर्ति बना रहा है।

  • पहाड़ों को काटकर या खानों को खोदकर निकाला गया खंड; पृथ्वी का कठोर स्तर; वह पदार्थ जिससे पृथ्वी का कठोर स्तर बना है; शिला
  • शिलाखंड
  • मील की संख्या सूचित करने के लिए सड़क के किनारे गाड़ा जाने वाला पत्थर का टुकड़ा; ढेला
  • सीमा निर्धारित करने के लिए गाड़ा जाने वाला पत्थर
  • {व्यं-अ.} वह जो मौन या जड़ हो
  • {ला-अ.} कठोर हृदय वाला व्यक्ति
  • गुड़ से युक्त कठोर वस्तु
  • ओला; बिनौरी
  • लाल, पन्ना आदि रत्न।
  • खानों में से खोदकर या पर्वतों में से काटकर निकाला हुआ उक्त भू-द्रव्य का कोई खंड या पिंड। पद-पत्थर का कलेजा, विल या हृदय = अत्यन्त कठोर हृदय। किसी के कष्ट से न पसीजनेवाला दिल या हृदय। पत्थर काछापा पुस्तकों आदि की एक प्रकार की छपाई जिसमें छापे जानेवाले लेख की एक प्रतिलिपि पत्थर पर उतारी जाती है और उसी पत्थर पर कागज रखकर छापते हैं। लीथो की छपाई। पत्थर की छाती = (क) ऐसा हृदय जो बहुत बड़े-बड़े कष्ट भी सहज में और चुपचाप सह लेता हो। (ख) ' दे० ऊपर पत्थर का कलेजा '। पत्थर कोल कोर-ऐसी प्रतिज्ञा या बात, जो उसी प्रकार दृढ़ और स्थायी हो, जैसी पत्थर के ऊपर छेनी आदि से खींची हुई लकीर होती है। मुहा०-पत्थर को (या में) जोक लगाना = बिलकुल अनहोनी या असंभव बात करना। ऐसा काम करना जो औरों के लिए असंभव या बहुत अधिक कठिन हो। (शस्त्र आदि को) पत्थर चटाना = छुरी, कटार आदि की धार पत्थर पर घिसकर तेज करना। पत्थर तले हाथ आना या दबना ऐसे संकट में पड़ना या फँसना जिससे छूटने का कोई उपाय न सूझता हो। बुरी तरह फंस जाना। पत्थर तले से हाय निकालना = बहुत बड़े संकट या विकट स्थिति में से किसी प्रकार बचकर निकलना। पत्थर निचोड़ना = (क) अनहोनी बात या असंभव काम कर दिखाना। (ख) ऐसे व्यक्ति से कुछ प्राप्त कर लेना जिससे प्राप्त करना औरों के लिए बिलकुल असंभव हो। पत्थर पिघलना या पसीजना = (क) बिलकुल अनहोनी या असंभव बात होना। (ख) परम कठोर हृदय का भी द्रवित होना। पत्थर सा खींच या फेंक मारना = बहुत ही रुखाई से उत्तर देना या बात करना। पत्थर से सिर फोड़ना या मारना असंभव काम या बात के लिए प्रयत्न करना। व्यर्थ सिर खपाना।
  • धातुओं से भिन्न वह कड़ा, ठोस और भारी भू-द्रव्य जो खानों के नोचे बनता है। भू-कम्प आदि के कारण यही भू-द्रव्य ऊपर उठकर पर्वतों का रूप धारण करता है।
  • ' पत्थर ' का वह संक्षिप्त रूप जो उसे समस्त पदों के आरंभ में लगने पर प्राप्त होता है

हिंदी ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • पुरानी चाल की बंदूक जिसमें बारूद सुलगाने के लिए चकमक पत्थर लगा रहता था, तोड़ेदार या पलीतेदार बंदूक, चाँपदार बंदूक

पथर के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

पथर से संबंधित मुहावरे

  • पत्थर का कलेजा

    वह हृदय जिसमें दया या करुणा आदि कोमल वृत्तियों का स्थान न हो, किसी के दुःख पर न पसीजने वाला दिल या हृदय, अत्यंत कठोर हृदय

  • पत्थर का छापा

    छपाई का वह प्रकार जिसमें ढले हुए अक्षरों से काम नहीं लिया जाता, बल्कि छापे जाने वाले लेख की एक पत्थर पर प्रतिलिपि उतारी जाती है और उसी पत्थर के ऊपर काग़ज़ रखकर छापते हैं, लीथोग्राफ, लीथो की छपाई

  • पत्थर की छाती

    कभी न टूटने वाली हिम्मत, कभी न हारने वाला दिल, असफलता या कष्ट से विचलित न होने वाला हृदय, बलवान् और दृढ़ हृदय, मज़बूत दिल, पक्की तबीयत

  • पत्थर की लकीर

    सदा सर्वदा बनी रहने वाली (वस्तु), सर्वकालिक, अमिट, पक्की, स्थायी

पथर के अंगिका अर्थ

पत्थर

संज्ञा, पुल्लिंग

  • ओला, पृथ्वी तल का बड़ा खण्ड या पिण्ड

पथर के कन्नौजी अर्थ

पत्थर, पत्थरु

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पृथ्वी का कड़ा स्तर. 2. ओला

पथर के ब्रज अर्थ

पत्थर

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पृथ्वी के कड़े भाग का खंड ; ओला; हीरा, पन्ना आदि

सकर्मक क्रिया

  • 'पत्थर'
  • औजारों को पत्थर पर रगड़ कर तेज करना
  • निष्प्रभ हो जाना , सूख जाना; स्तब्ध और स्थिर हो जाना

अकर्मक क्रिया

  • पत्थर की तरह कठोर होना

  • पृथ्वी के कड़े स्तर का पिंड या खंड, भूद्रव्य का कड़ा पिंड या खंड

    विशेष
    . विशेष दे॰ 'प्रेस' (२) पत्थर के छापे में छपा हुआ विषय या लेख । पत्थर के छापे का काम । पत्थर के छापे की छापाई । जैसे, —(किसी पुस्तक की छपाई के विषय में) यह ते पत्थर का छापा है । . भूगर्भ शास्त्र के अनुसार पृथ्वी की बनावट में अनेक स्तर या तहें हैं। इनमें से अधिक कड़ी कलेवरवाली तहों का नाम पत्थर है। पत्थरों के मुख्य दो भेद हैं— आग्नेय और जलज। आग्नेय पत्थरों की उत्पत्ति, भूगर्भस्थ ताप के उद्भेद से होती है। पृथ्वी के गर्भ से जो तरल पदार्थ अत्यंत उत्तप्त अवस्था में इस उद्भेद द्वारा ऊपर आता है वह कालांतर में सरदी से जमकर चट्टानों का रूप धारण करता है। इस रीति पर पत्थर बनने की क्रिया भूगर्भ के भीतर होती है। उपर्युक्त तरल पदार्थ भूगर्भ स्थित चट्टानों से टकराकर अथवा अन्य कारणों से भी अपनी गरमी खो देता और पत्थर के रूप में ठोस हो जाता है। जलज पत्थर जल के प्रवाह से बनते हैं। मार्ग में पड़नेवाले पत्थर आदि पदार्थों को चूर्ण करके जलधारा कीचड़ के रूप में उन्हें अपने प्रवाह के साथ बहा ले जाती है। जिस कीचड़ के उपादान में कड़े परमाणु अधिक होते हैं वह जमने पर पत्थर का रूप धारण करता है। जलज पत्थरों की बनावट प्रायः तह पर तह होती है पर आग्नेय पत्थरों की ऐसी नहीं होती। पत्थर मानव जाति के लिए अत्यंत उपयोगी पदार्थ है। आज जो काम विविध धातुओं से लिए जाते हैं आदिम अवस्था में वे सभी केवल पत्थर से लिए जाते थे। जब तक मनुष्यों ने धातुओं की प्राप्ति का उपाय और उनका उपयोग नहीं जाना था तब तक उनके हथियार, औज़ार, बरतन झाँड़े सब पत्थर के ही होते थे। आजकल पत्थर का सबसे अधिक उपयोग मकान बनाने के काम में किया जाता है। इससे बरतन, मूर्तियाँ, टेबुल, कुर्सी, आदि भी बनती है। संगमरमर आदि मुलायम और चमकीले पत्थरों से अनेक प्रकार की सजावट की वस्तुएँ और आभूषण आदि भी बनाए जाते हैं। भारतवासी बहुत प्राचीन काल से ही पत्थर पर अनेक प्रकार की कारीगरी करना सीख गए थे। बढ़िया मूर्तियाँ, बारीक़ जालियाँ, अनेक प्रकार के फूल पत्ते आदि बनाने में वे अत्यंत कुशल थे। बौद्धों के समय में मूर्तितक्षण और मुग़लों के समय में जाली, बेलबूटे आदि बनाने की कलाएँ विशेष उन्नत थीं । यद्यपि मुगल काल के बाद से भारत के इस शिल्प का बराबर ह्रास हो रहा है, फिर भी अभी जयपुर में संगमरमर के बरतन और आगरे में अलंकार आदि बड़े साफ और सुंदर बनाए जाते हैं । भारत के पहाड़ों में सब प्रकार के पत्थर मिलते हैं । विंध्य पर्वत इमारती पत्थरों के लिये और अरावली पर्वत संगमरमर के लिये प्रसिद्ध हैं । विशेष दे॰ 'संगमरमर' । . बोलचाल में पत्थर शब्द का प्रयोग अत्यंत कड़ी अथवा भारी, गतिशून्य अथवा अनुभूतिशून्य वस्तु, दयाकरुणाहीन, अत्यंत जड़बुद्धि अथवा परम कृपण व्यक्ति आदि के संबंध के होता है।

  • सड़क के किनारे गड़ा हुआ वह पत्थर जिस पर मील के संख्यासूचक अंक खुदे होते हैं, सड़क की नाप सूचित करनेवाला पत्थर, मील का पत्थर

    उदाहरण
    . तीन घंटे से हमलोग चल रहे हैं, लेकिन सिर्फ़ चार पत्थर आए हैं।

  • ओला, बिनौली, इंद्रोपल
  • रत्न, जवाहिर, हीरा, लाल, पन्ना आदि
  • पत्थर का सा स्वभाव रखनेवाली वस्तु, पत्थर की तरह कठोर, भारी अथवा हटने, गलने आदि के अयोग्य वस्तु, जैसे— अत्याचारी का हृदय, जड़बुद्धि का मस्तिष्क, बड़ा ऋण, दुंर्जर भोज्य, आदि , क्रि॰ प्र॰—
  • कुछ नहीं, बिलकुल नहीं, ख़ाक (तुच्छता या तिरस्कार के साथ अभाव सूचित करता है)

    उदाहरण
    . तुम इस किताब को क्या पत्थर समझोगे। . वहाँ क्या पत्थर रखा है?

पथर के मगही अर्थ

संज्ञा

  • दे. 'पत्थल'

पथर के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • प्रस्तर

Noun

  • stone.

अन्य भारतीय भाषाओं में पत्थर के समान शब्द

उर्दू अर्थ :

पत्थर - پتھر

संग - سنگ

पंजाबी अर्थ :

पत्थर - ਪੱਥਰ

गुजराती अर्थ :

पथ्थर - પથ્થર

पथरो - પથરો

कोंकणी अर्थ :

फातर

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