पेशी

पेशी के अर्थ :

पेशी के कन्नौजी अर्थ

  • पेश होने या किये जाने की क्रिया या भाव, न्यायाधीश के सामने मुकदमें का पेश होना

पेशी के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Feminine

  • a muscle
  • presentation, being presented
  • hearing (of a law-suit.)

पेशी के हिंदी अर्थ

पेशि

फ़ारसी ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • हाकिम के सामने किसी मुक़दमे के के पेश होने की क्रिया, मुक़दमे की सुनवाई
  • सामने होने की क्रिया या भाव
  • न्यायालय अथवा अधिकारी के सामने किसी अभियोग या मुकदमे के पेश होने और सुने जाने की कार्रवाई

    उदाहरण
    . आज दीवानी न्यायालय में मेरे मुकदमे की पेशी है।

  • न्यायालय या अधिकारी के सामने किसी अभियोग या मुकदमे के पेश होने और सुने जाने की कार्रवाई
  • (मुक़दमे की) समाअत या समाअत की तारीख़

संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • वज्र
  • तलवार की म्यान
  • अंडा
  • जटामासी
  • पकी हुई कली
  • प्राचीन काल का एक प्रकार का ढोल
  • एक प्राचीन नदी का नाम
  • एक राक्षसी का नाम, एक पिशाची का नाम
  • चमड़े की वह थैली जिसमें गर्भ रहता है
  • शरीर के भीतर मांस की गुलथी या गाँठ

    विशेष
    . आधुनिक शरीर विज्ञान के अनुसार शरीर के भीतर मांसतंतुओं की बहुत-सी छोटी बड़ी गुल्थियाँ या लच्छे से होते हैं जो कुछ सूत्रों के द्वारा आपस में जुड़े रहते हैं। इन सुत्रों को हटाने पर ये मांस के टुकड़े अलग-अलग किए जा सकते हैं। इस प्रकार जो टुकड़े बिना चीरे-फाड़े सहज में अलग किए जा सकें उन्हीं को पेशी या मांसपेशी कहते हैं। पेशियों में विशेषता यह होती है कि वे सिकुड़ती और फैलती हैं। अनेक पेशियों के संयोग से शरीर में के पुट्ठे आदि बनते हैं। ये पेशियाँ अनेक आकार और प्रकार की होती हैं। कोई छोटी, कोई बड़ी, कोई पतली, कोई मोटी, कोई लंबी और कोई चौड़ी होती हैं। मांसपेशियों के बीच-बीच में झिल्लियाँ रहती हैं। ये पेशियाँ सहज में अपने स्थान से हटाई नहीं जा सकतीं क्योंकि ये कहीं न कहीं अपने नीचे रहने वाली हड्डी से जुड़ी रहती हैं। इन्हीं पेशियों की सहायता से शरीर के अंग हिलते-डोलते हैं। अगों का संचालन, प्रसारण, संकोचन, स्थितिस्थापन आदि इन्हीं पेशियों की सहायता से होता है। जैसे- कोई पेशी मुँह खोलने के समय होंठ को ऊपर उठाती है, कोई हाथ उठाने में सहायक होती है, कोई उसे मर्यादा से आगे बढ़ने से रोकती है, कोई गर्दन को अधिक झुकने नहीं देती कोई पेट के भीतर के किसी यंत्र को दबाए रखती है और कोई मल अथवा मूत्र के त्यागने अथवा रोकने में सहायता देती है। कभी-कभी शरीर के एक ही काम के लिए अनेक पेशियों की भी सहायता होती है। कुछ पेशियाँ ऐसी होती हैं जो इच्छा करते ही हिलाई-डुलाई जा सकती हैं और कुछ ऐसी होती हैं जो इच्छा करने पर भी अपने स्थान से नहीं हट सकतीं। शरीर की सभी पेशियों का संबंध मस्तिष्क अथवा उसके निचले भाग के गतिवाहक सूत्रों से होता है। आधुनिक शरीर विज्ञान के ग्रंथों में यह बतलाया गया है कि शरीर के किस अंग में कितनी पेशियाँ हैं। कुल पेशियों कि संख्या भी निश्चित है। हमारे यहाँ वैद्यक में इन पेशियों को प्रत्यंग में माना है और उनकी संख्या 500 बतलाई गई है। यद्यपि यह संख्या आधुनिक शरीर विज्ञान में बतलाई हुई संख्या के लगभग ही है तथापि दोनों के ब्योरे में बहुत अधिक अंतर है।

  • पादुका, पादत्राण
  • आच्छादन, ढक्कन
  • अच्छा पका चावल
  • फलों का आवरण या छिलका
  • कुछ विशिष्ट मादा जीवों के गर्भाशय से निकलने वाला वह गोल या लम्बोतरा पिंड जिसमें से उनके बच्चे जन्म लेते हैं
  • एक अनाज जिसकी दाल खायी जाती है
  • शरीर के अंदर का झिल्ली तथा रेशों के आकार का मांस-पिंड जिससे अंगों का संचालन होता है
  • पेशी
  • पेशी

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